मेरठ (ब्यूरो)। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यदि संक्रमण बढ़ता है तो स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से बच्चों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। इसके लिए जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में पीकू वार्ड से लेकर ऑक्सीजन प्लांट तक को तैयार किया जा चुका है।
355 बेड रिजर्व
कोरोना की संभावना को देखते हुए जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में पीकू यानि पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट को तैयार किया जा चुका है। इसके तहत मेडिकल कॉलेज में 100 बेड तैयार हैं। जबकि जिला अस्पताल में 40 बेड तैयार किए जा चुके हैं। पीकू वार्ड के अलावा भी जिला अस्पताल में 50 बेड रिजर्व रखे गए हैं। मरीजों की संख्या बढऩे की स्थिति में बेड्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा डफरिन यानि महिला जिला अस्पताल में भी 40 बेडों की व्यवस्था की गई है। मेडिकल में 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड, 25-25 बेड का आईसीयू व जनरल वार्ड के अलावा 25 वेंटिलेटर भी हैं।
ऑक्सीजन की कमी नहीं
इसके साथ ही मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू किए जा चुके हैं। इन ऑक्सीजन प्लांट को पीकू वार्ड से पाइप लाइन के माध्यम से जोड़ा भी जा चुका है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा चुके हैं। इसमें लिक्विड ऑक्सीजन के 6-6 टन के दो टैंक तैयार किए हैं, जो अस्पताल में भर्ती करीब 750 मरीजों को एक साथ ऑक्सीजन देने मेें सक्षम हैं।
ऑक्सीजन प्लांट की उपलब्धता
अस्पताल क्षमता
मेडिकल कॉलेज 1000 एलपीएम
जिला अस्पताल 1000 एलपीएम
महिला अस्पताल 960 एलपीएम
कैैंटोनमेंट अस्पताल 250 एलपीएम
हस्तिनापुर सीएचसी 150 एलपीएम
मवाना सीएचसी 45 एलपीएम
किठौर सीएचसी 250 एलपीएम
परीक्षितगढ़ सीएचसी 150 एलपीएम
खरखौदा सीएचसी 150 एलपीएम
रोहटा सीएचसी 200 एलपीएम
दौराला सीएचसी 333 एलपीएम
जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज समेत तमाम सीएचसी पर बेड रिजर्व किए जा चुके हैं। संक्रमण के दौरान हर घंटे दो से तीन लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसको देखते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता को सुनिश्चित करा दिया गया है।
डॉ। अशोक तालियान, जिला सर्विलांस अधिकारी