शहीद सूबेदार राम सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़े शहरवासी
गमगीन माहौल में सूरजकुंड श्मशान घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
सेना के जवानों ने दी सलामी, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फत
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफा आएगी
लाल चन्द फलक
Meerut। शायर लाल चंद फलक का यह शेर यकीनन शहीदों की जिंदगी का असली फलसफा है.राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सूबेदार राम सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम को उनके गंगानगर स्थित आवास पर पहुंचा। राम सिंह का शव तिरंगे में लिपटा देख परिजनों के साथ-साथ वहां मौजूद सभी की आंख नम हो गई। जिसके बाद सेना शहीद के पर्थिव शरीर को लेकर सूरजकुंड पहुंची, जहां पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। सूरजकुंड पर सेना ने शहीद के पर्थिव शरीर को सलामी दी तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सांसद-विधायक पहुंचे
सूबेदार राम सिंह के शहीद होने की सूचना के बाद शुक्रवार सुबह आठ बजे से ही उनके घर पर लोगों का तांता लगना शुरू हो गया। इस दौरान सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल और पूर्व विधायक अमित अग्रवाल भी शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे।
फूट-फूटकर रोए परिजन
शाम करीब साढ़े पांच बजे के बाद सेना के जवान शहीद का पर्थिव शरीर लेकर उनके घर पहुंचे। जिसके बाद वहां मौजूद सैंकड़ों की भीड़ ने जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक तेरा नाम रहेगा के नारे लगाने शुरू कर दिए। तिरंगे में राम सिंह के पार्थिव शरीर को लिपटा देखकर परिजन फूट-फूटकर रोने लगे।
दी गई सलामी
इसके बाद सेना के जवान अपने वाहन से पर्थिव शरीर को लेकर सूरजकुंड शमशान घाट की ओर रवाना हो गए। यहां पर अंतिम संस्कार से पहले पार्थिव शरीर को सलामी दी गई। जिसके बाद बेटे ने रीति-रिवाज के साथ पिता को मुखाग्नि दी। सूरजकुंड पर शव को नमन करने के लिए शहर के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान डीएम के। बालाजी, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एडीएम सिटी अजय तिवारी ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी।
तुम मुझे छोड़कर कहां चले गए
शहीद हुए पति का पर्थिव शरीर जैसे ही पत्नी अनीता के सामने पहुंचा वो खुद को संभाल नहीं सकी और रोते-रोते बेहाल हो गईं। बाद में परिवार के लोगों ने उन्हें संभाला और पानी पिलाया, कब जाकर वह संभली। पत्नी अनीता पति के पर्थिव शरीर से बस बार-बार ये ही सवाल पूछ रही थीं कि, तुम मुझे छोड़कर कहां चले गए।
तीन गोली लगी
आर्मी से रिटायर कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि राम सिंह उनके बहुत अच्छे मित्र थे। कैप्टन वीर सिंह के मुताबिक मुठभेड़ के दौरान राम सिंह ने अपने साथियों को अपना एक वीडियो भेजा था। जिसमें उन्होंने बताया था कि यहां तीन आतंकवादी हैं। उन्होंने दो आतंकवादियों को गोली मार दी है। जबकि एक को वह तलाश रहे हैं। कैप्टन वीर सिंह रावत के मुताबिक राम सिंह के साथियों से पता चला है कि छुपे हुए आतंकवादी ने राम सिंह पर फायरिंग कर दी। जिसमें राम सिंह को एक गोली पेट के नीचे, एक सीने पर और एक गोली कूल्हे पर लगी। राम सिंह लहूलुहान हालत में जमीन पर गिर गए। उनके साथी उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन वहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बेटे को बंधाया ढांढस
शहीद सूबेदार राम सिंह के घर पहुंचे एडीएम सिटी अजय तिवारी व एसपी सिटी विनीत भटनागर ने शहीद के इकलौते बेटे सोलेन भंडारी के कंधे पर हाथ रख कर धैर्य रखने और परिवार को संभालने के लिए कहा। इस पर सोलेन भंडारी से अधिकारियों ने कहा कि पिता के जाने के बाद तुम्हारे सिर पर जिम्मेदारी आ गई है। सोच-समझकर आगे अपना रास्ता चुनना है, हिम्मत से काम लेना है।
ड्रिल इंस्ट्रक्टर भी रहे
कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि शहीद सूबेदार राम सिंह सेना में ड्रिल इंस्ट्रक्टर भी रह चुके हैं। सूबेदार रहते हुए उन्हें आर्मी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
शहीद द्वार बनाने की मांग
16 गढ़वाल से सेवानिवृत्त कैप्टन वीर सिंह रावत ने एडीएम सिटी अजय तिवारी व एसपी सिटी विनीत भटनागर से मवाना रोड स्थित तलवार पेट्रोल पंप के पास रक्षापुरम डिवाइडर पर शहीद द्वार बनाने की मांग की, जिस पर अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया।