मेरठ । छेड़छाड़, रेप, कुकर्म, यौन उत्पीडऩ जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों में कई तरह के मनोविकार सामने आ रहे हैं। एक्सपट्र्स बताते हैं काउंसलिंग के दौरान इनके भीतर छुपी कुंठाओं का खुलासा हो रहा है। इनमें अलग-अलग तरह के डिसऑर्डर मिल रहे हैं। इसी का नतीजा है कि ये लोग यौन हिंसा से जुड़े अपराधों को अंजाम देने में जरा भी नहीं हिचक रहे हैं।
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कुंठाएं बना रहीं अपराधी
डॉक्टर्स बताते हैं कि अपराधियों के मन में कई तरह की कुंठाएं पैदा रहती हैं। महिलाओं से जुड़े अपराधों में अपराधी उन्हें सॉफ्ट टारगेट मानता है। इनमें यौन कुंठाओं के साथ ही महिलाओं के प्रति द्वेष की भावना भी रहती है। इनकी पूर्ति करने के लिए वह अपराध करते हैं। रेप करने वाले अपराधी सबसे अधिक मनोविकृत होते हैं।
ये होते हैं डिसऑर्डर
एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर - मरीज सामाजिक मानदंडों और नियमों की अवहेलना करता है।दूसरों की भावनाओं या अधिकारों की अनदेखी करता है। बिना पछताए अपराध करता है। अक्सर झूठ बोलने, धोखा देने और हिंसक व्यवहार करते हैं। इस बीमारी के पीछे आमतौर पर बचपन में अनुभव किए गए शोषण, हिंसा, या अपराधिक माहौल कारण होता है।
नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर
मरीज खुद को बेहद महत्वपूर्ण मानता है, प्रशंसा की उम्मीद करता है, दूसरों की भावनाओं की अनदेखी करता है, दूसरों की सफलताओं या उपलब्धियों से जलन होती है। दूसरों को कमतर समझ सकते हैं। यह विकार अक्सर बचपन की असुरक्षा और आत्म-सम्मान की कमी से उत्पन्न हो सकता है।
हिस्ट्रीओनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर - इस बीमारी में मरीज लगातार दूसरों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता है। बचपन की किसी असुरक्षा की भावना से ये पनप जाता है।्
पैरानोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर
इस विकार में व्यक्ति दूसरों के प्रति अत्यधिक संदेह करता है और उनके इरादों को शत्रुतापूर्ण मानता है। संदेह और अत्यधिक सतर्कता उन्हें दूसरों के प्रति मनचला व्यवहार करने की ओर प्रेरित कर सकती है, जैसे कि बिना वजह की जांच और निगरानी, और छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई-झगड़े की स्थिति उत्पन्न करना।
साइकोपैथी और सोशियोपैथी
ये विकार आंतरिक नैतिकता की कमी और दूसरों के प्रति आक्रामकता की विशेषता रखते हैं। इन विकारों में मरीज दूसरे को तंग करने, छेड़छाड़ करने जैसी हरकतों में आनंद ढूंढते हैं। दूसरों की भावनाओं और सुरक्षा का ध्यान नहीं रखते। बार-बार परेशान करने वाले या आक्रामक व्यवहार करते हैं।
बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर इस विकार में व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति अत्यधिक अस्थिर होती है। रिश्तों में उथल-पुथल होती है। गुस्से, चिंता, और उदासी के तीव्र उतार-चढ़ाव का अनुभव हो सकता है। ऐसे व्यक्ति अत्यधिक भावनात्मक प्रतिक्रियाएं देते हैं।
हिस्ट्रीओनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर
इस विकार में व्यक्ति लगातार ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता है। नाटकीय और अत्यधिक भावुक व्यवहार करते हैं, दूसरों को असहज करना और बिना अनुमति के अधिक संपर्क स्थापित करने का प्रयास करते हैं।
इनका है कहना
यौन अपराध से जुड़े अपराधियों में कई तरह की कुंठाएं होती हैं। इनमें असामान्य संबंधों, भावनात्मक असुरक्षा, और सामाजिक अस्थिरता से कई विकार पैदा हो जाते हैं। बचपन में इन पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
डा। विभा नागर, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट
यौन अपराधी कई तरह के मानसिक रोगों की गिरफ्त में होते हैं। पर्सनैलिटी डिसऑर्डर इनमें पनप जाते हैं। इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। पहले छोटी घटनाएं करते हैं बाद में बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
डा। रवि राणा, वरिष्ठ मनोचिकित्सक