मेरठ ब्यूरो। मेडिकल कालेज में बिना चीरा लगाए बच्चे के दिल का छेद बंद करने में डॉक्टरों को सफलता मिली। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा। वीडी पांडे ने बताया की सरधना क्षेत्र निवासी कासिम के एक वर्षीय पुत्र उमर के दिल में जन्म से छेद था। इस समस्या को चिकित्सकीय भाषा में पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस कहते हैं। बच्चे के हृदय के दो चेंबरों का खून आपस में मिल रहा था।

सांस लेने में होती थी दिक्कत

उन्होंने कहा कि शुद्ध खून अशुद्ध खून से मिलने के कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होती थी और वह रोता रहता था। मां का दूध नहीं पी पाता था। जल्दी थक भी जाता था। मरीज के तीमारदारों ने उसे मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लाक स्थित हृदय रोग विभाग की ओपीडी में डा। शशांक पांडे से परामर्श लिया।

डा। शशांक पांडे, डा सीबी पांडे, डा कनिका एवं उनकी टीम ने बिना चीरा लगाए मरीज की खून की एक बड़ी नली के माध्यम से हृदय तक डिवाइस को पहुंचाकर छेद बंद कर दिया। मरीज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का लाभार्थी है। उसे निश्शुल्क इलाज दिया गया।गुरुवार को उसे छुट्टी दे दी गई।