मेरठ (ब्यूरो)। भोले बाबा तेरे नाम का पी लिया प्याला, बाबा तेरी महिमा न्यारी, हम हाथ उठा के कहते हैं हम हो गए भोले बाबा के, ऐसे ही भजनों के साथ भक्तिमय माहौल मेरठ में बना है। भक्तों के अनुसार जय शंकर बाबा की, ओम नम: शिवाय इन्हीं मंत्रों के जाप की शक्ति बाबा के भक्तों की ताकत बनी हुई है। इसी ताकत के सहारे वो चले जा रहे हैं अपने मार्ग को, इस मार्ग में नंगे पांव चलते हुए न तो उनको धूप की फिक्र है न ही तेज बरसात की।

सभी में उत्साह
कांवड़ यात्रा का ऐसा ही खूबसूरत माहौल शहर में देखने को मिल रहा है। जहां बुजुर्ग युवा क्या महिलाएं सभी पर भोले बाबा की भक्ति का सरुर देखने को मिल रहा है।

ऑफिस से छुट्टी लेकर भोले की सेवा
कांवड़ मार्ग पर भोले की सेवा के लिए जगह-जगह कैंप लगे हैं। चंद्रिमा मुखर्जी और उनकी सास सुनीता देवी बीते 5 साल से निस्वार्थ सेवा में जुटी हैं। वहीं, लवली ने बताया कि वह बी फार्मा कम्पनी में जॉब कर रही हैं। बाबा की सेवा में 13 साल से जुटी हैं। सावन में हर साल छुट्टी लेकर भोले की सेवा में जुट जाती हैं। इस बार भी एक सप्ताह की छुट्टी लेकर सेवा कर रही हैं।

बाबा से बचपन से ही बहुत प्रेम करती हूं। वो भोले है हर बात को जल्दी मान जाते हैं। मैं प्राइवेट जॉब करती हूं, लेकिन बाबा का प्यार मुझे बीते पांच साल से कांवड़ यात्रा में खीच लाता है।
हेमा

फरीदाबाद से आई हूं, पति के जाने के बाद मैं अकेली ही बच्चों का पालन पोषण कर रही हूं, बस भोले बाबा ने शक्ति दे रखी है। जिसके सहारे मैं और मेरे बच्चे जीवन काट रहे हैं। पांच साल से कांवड़ ला रही हूं।
सुमन

मैं कलाकार हूं बदरपुर से आया हूं, मैने अपने जीवन में अभी तक जो भी सफलता पाई है। बाबा के सहारे ही पाई है। बीते आठ साल से कांवड़ लेेकर आ रहा हूं। मेरे करियर में बाबा का बहुत ही सहारा रहा है।
रौनक, बदरपुर दिल्ली

मैं अपने परिवार के साथ कांवड लेने आया हूं। इस साल मुझे बाबा का सपना आया और बस मैनें भी ठान ली मैं भी जाऊंगा। घर वालों को फिक्र थी, कैसे जा पाऊंगा, लेकिन बाबा ने मुझे हिम्मत दी, तभी आराम से चल पा रहा हूं।
गौरव