- 76 हजार 932 में से 64.34 फीसदी स्टूडेंट्स शामिल
- जिले के 75 सेंटर्स पर 49 हजार 502 ने दी परीक्षा
- 27 हजार 430 स्टूडेंट्स ने नहीं दिया एग्जाम
- जौनपुर में पेपर लीक आउट खबर उड़ने से खलबली
Meerut : जब जौनपुर समेत प्रदेश के कुछ शहरों में चकबंदी लेखपाल का पेपर लीक आउट होने की खबरों पर पर हंगामा हो रहा था, उस वक्त मेरठ में करीब 50 हजार स्टूडेंट्स एग्जाम दे रहे थे। दोनों शिफ्ट में किसी तरह का कोई हंगामा नहीं हुआ और न कहीं से नकल की सूचना मिली। आपको बता दें कि चकबंदी लेखपाल के एग्जाम में मेरठ में 76 हजार 932 में 64.34 फीसदी छात्रों की प्रजेंस रही।
दो पारियों में एग्जाम
अगर बात एग्जाम की करें तो चकबंदी लेखपाल के एग्जाम में दोनों पालियों को मिलाकर 76 हजार 932 कैंडिडेट्स को एग्जाम देना था, लेकिन 49 हजार 502 छात्रों ने एग्जाम दिया। यानी 64.34 फीसदी कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया। पहली पाली में 38 हजार 466 कैंडिडेट्स को एग्जाम देना था, लेकिन 25 हजार 260 कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया। 13 हजार 206 कैंडिडेट्स एब्सेंट रहे। वहीं दूसरी पाली में कुल 38 हजार 466 कैंडिडेट्स में से 24 हजार 242 कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया। एब्सेंट 14 हजार 224 कैंडिडेट रहे।
नकल की सूचना नहीं
इस बार प्रशासन की ओर से सबसे बड़ी उपलब्धि नकलविहीन एग्जाम कराने की रही। जिले में दोनों पालियों के कुल 75 सेंटर्स बनाए गए थे, लेकिन किसी भी सेंटर्स पर कोई नकलची नहीं पकड़ा गया। अधिकारियों की मानें तो पूरे एग्जाम व्यवस्था को संभालने के लिए 75 स्टेटिक मजिस्ट्रेट, 28 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 6 सुपर जोनल मजिस्ट्रेट बनाए थे, जिस कारण एग्जाम नकलविहीन और पारदर्शी रही।
पेपर लीक आउट से हड़कंप
जौनपुर में पेपर लीक आउट मामले के बाद मेरठ में पूरी तरह से हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने सेंटर्स की ओर दौड़ लगाई। हरेक कैंडिडेट पर पैनी नजर रखी गई। मेरठ के एग्जाम नोडल ऑफिसर रणविजय सिंह ने बताया कि हमें इस तरह की सूचना मिली थी। जौनपुर में सिर्फ आरोप लगाया है। लीक होने का मामला साबित नहीं हुआ है। मेरठ में इस तरह की कोई बात साबित नहीं हुई है।
मेरठ वेस्ट यूपी ही नहीं पूरी यूपी में सबसे सबसे बड़ा सेंटर था। जहां दो पालियों में करीब 77 हजार कैंडीडेट्स ने पार्टिसिपेट करना था। एग्जाम पूरी तरह से अच्छा हुआ है। कोई हंगामें और नकल की सूचना नहीं है।
- रणविजय सिंह, नोडल ऑफिसर, चकबंदी लेखपाल एग्जाम