-हाई कोर्ट के आदेश के आखिरी दिन भी नहीं हुआ सेंट्रल मार्केट का ध्वस्तीकरण
-शाम होते ही व्यापारियों ने धरना किया कॉल ऑफ, बे-माने हुई हाईकोर्ट के आदेश
-कार्रवाई टलते ही व्यापारियों में खुशी का माहौल, खोले प्रतिष्ठान
Meerut:
सेंट्रल मार्केट के ध्वस्तीकरण को लेकर आए हाईकोर्ट के आदेशों के आखिरी दिन भी आवास-विकास और पुलिस प्रशासन कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। तीस दिसंबर के दिन कार्रवाई के समय व्यापारियों के हुजूम और नेताओं की गर्जना देख चुका प्रशासन माह के अंतिम दिन मौके पर जाने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाया और कार्रवाई का आखिरी दिन भी ऐसे ही चला गया।
कार्रवाई टली
हाईकोर्ट के आदेश के आखिरी दिन यानी बुधवार को शहर के सभी व्यापारियों की नजरें प्रशासनिक हरकत पर टिकी रहीं। रोजाना की तरह व्यापारियों सुबह दस बजे ही एक बार फिर अपना धरना स्थल संभाल लिया, जिसके बाद व्यापारी नेताओं से लेकर विभिन्न दलों के नेताओं की आवाजाही लगी रही। व्यापारियों के मन में यह सवाल खटक रहा था कि कहीं हाईकोर्ट आदेश के आखिरी दिन प्रशासन कार्रवाई न कर दे, लेकिन तीन बजते ही व्यापारियों में जोश और खुशी की लहर साफ दिखाई देने लगी। चार बजते ही प्रशासन की ओर से कोई हरकत होते न देख व्यापारियों ने धरना कॉल ऑफ कर लिया।
खोले प्रतिष्ठान
धरना कॉल ऑफ होते ही व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल लिए और पंद्रह दिन बाद सेंट्रल मार्केट एक बार फिर गुलजार दिखाई देखने लगा। शाम होते ही नव वर्ष की खरीदारी के लिए शास्त्रीनगर के लोग एक मार्केट में खरीदारी करते नजर आए।
तो यह कोर्ट की अवमानना नहीं
हाई कोर्ट के आदेशानुसार आखिरी दिन भी सेंट्रल मार्केट पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का न होना, हाईकोर्ट की अवमानना है या नहीं इस सवाल का जवाब कोई ठीक से नहीं दे पा रहा है। हालांकि आवास-विकास ने अवमानना से बचने के लिए लखनऊ स्थिति अपने मुख्यालय व्यापारियों की उग्र रवैया व मौके की संवेदनशीलता समेत दो दुकानों पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे व सात दुकानों पर एसएलपी वाली रिपोर्ट भेजी है। आवास-विकास द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को मुख्यालय हाईकोर्ट को भेजेगा, जिसके बाद कोर्ट यह डिसाइड करेगा कि यह अवमानना है या नहीं।
ये रहे मौजूद
कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक रविन्द्र भड़ाना, सपा नेता अतुल प्रधान, मेयर हरिकांत अहलूवालिया, संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता। सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष किशोर वाधवा, महामंत्री विनोद अरोरा आदि इस मौके पर उपस्थित रहे।
एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि जनता की आवाज से ऊपर किसी की आवाज नही होती। जिला प्रशासन ने जनता की भावनाओं को समझा है। आवास-विकास के माध्यम शासन को पत्र भेजा गया था जिसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ
व्यापारियों की मेहनत रंग लाई। इस दौरान उनको सभी राजनीतिक व गैर-राजनीतिक संगठनों का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ। प्रशासन ने लोगों की भावनाओं को समझकर ही निर्णय लिया।
किशोर वाधवा, अध्यक्ष सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ