मेरठ (ब्यूरो)। अब अपडेट यही है कि यूनिवर्सिटी ने इन कोर्सेज को सस्पेंड करने का मन बना लिया है। हालांकि अभी पांच साल तक इन कोर्सेज की डिमांड का रिकार्ड रखा जाएगा। मगर कोर्सेज में स्टूडेंट्स का रूझान नहीं बढ़ा तो इन्हें पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
कोर्सेज की भरमार थी
सीसीएसयू में साल 2000 में तत्कालीन वीसी रहे रमेश चंद्रा और 2003 में आरपी सिंह के समय में यूनिवर्सिटी में नए कोर्स की भरमार हो गई थी। सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस के तहत शुरू किए गए। सभी कोर्सेज में स्टूडेंट्स की भी खासी रुचि रही। मगर धीरे-धीरे स्टूडेंट्स ने ज्यादातर कोर्सेज से दूरी बना ली।
डेढ़ दर्जन कोर्स होंगे बंद
यूनिवर्सिटी में करीब डेढ़ दर्जन कोर्स बंद होने जा रहे हैं। इसी तरह ज्योग्रफी कोर्स में एमए और एमफिल शुरू हुआ था, लेकिन एमफिल करने वालों की संख्या लगातार कम होती चली गई। बाद में इस कोर्स में एमफिल को बंद कर दिया गया है।
सस्पेंड कर दिया गया
इतना ही नहीं, नई शिक्षा नीति के बाद से तो सभी एमफिल कोर्स बंद हो गए हैं। वहीं फिजिक्स डिपार्टमेंट में नैनो टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू किया गया, लेकिन उसको फैकल्टी और स्टूडेंट्स की कमी के कारण सस्पेंड कर दिया गया। इसी तरह यूनिवर्सिटी में ही ह्यूमन राइट कोर्स शुरू किया गया था, जिसमें शुरू में एडमिशन की संख्या तो अच्छे-खासी रही लेकिन स्टूडेंट्स शुरू में तो आए लेकिन बाद में कोई नहीं आया। इसलिए यह कोर्स अब बंद की कगार पर है।
कोर्सेज में एडमिशंस ही नहीं
एडमिशंस के लिहाज से उर्दू जर्नलिज्म की हालत भी खराब रही। व्यवसायिक हिंदी, कम्यूनिकेटिव इंग्लिश जैसे कोर्स भी आज बंदी की कगार पर आ गए हैैं। बॉटनी में इंडस्ट्रियल बायो टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू किया गया था लेकिन इसका हाल भी आज बेहाल है। केमिस्ट्री में एनवायरमेंटल साइंस को बंद किया जा सकता है। एमए एमएचआरडी कोर्स में भी स्टूडेंट्स ने शुरू में तो रूचि दिखाई लेकिन धीरे-धीरे एडमिशंस कम होते चले गए। इसके साथ पीएमआर और मैनेजमेंट ऑफ इंडस्ट्री जैसे कोर्स भी बंद हो गए। वहीं जैपनिज व फ्रैंच, रशियन लैंग्वेज भी स्टूडेंट्स को नहीं भाए।
यूनिवर्सिटी में कई कोर्स ऐसे हैं, जिनको डिपार्टमेंट में सस्पेंड करके रखा है। मगर इन्हें पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है। फ्यूचर में इन कोर्सेज की डिमांड बढ़ती है तो इन्हें संचालित किया जा सकता है। इसके लिए पांच साल का समय इन कोर्सेज को दिया गया है।
प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू