मेरठ (ब्यूरो)। नैक निरीक्षण में ए प्लस प्लस ग्रेड पाने के लिए सीसीएसयू फिर जुट गया है। सीसीएस यूनिवर्सिटी में इस बार सात बिंदुओं पर नैक निरीक्षण होना है। नैक निरीक्षण में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे इस बाबत वीसी लखनऊ मुख्यालय में आयोजित तीन दिवसीय बैठक अटेंड करने भी पहुंची हैं। वीसी ने सभी कॉलेजों को जल्द से जल्द नैक निरीक्षण कराने व उसकी रिपोर्ट सौंपेने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। वीसी का कहना है कि यदि ऐसा नहीं होता तो कॉलेजों की संबद्धता समाप्त कर दी जाएगा।
नैक एक्रिडिटेशन लेना जरूरी
यूजीसी ने 2022 तक देश के सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) एक्रिडिटेशन जरूरी कर दिया है। वहीं बीते दिनों दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश जारी किया था कि जिन कॉलेजों का नैक निरीक्षण नहीं होगा, उनकी संबद्धता समाप्त की जाए। इसके बावजूद तमाम कॉलेजों में नैक ग्रेडिंग नहीं कराई गई है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों को अंतिम बार चेतावनी जारी कर नैक ग्रेडिंग करवाने के निर्देश दिए हैं।
नौ सदस्यों की टीम
मेरठ सीसीएसयू से इस बार वीसी प्रो। संगीता शुक्ला और प्रोवीसी प्रो। वाई विमला समेत नौ सदस्यों की टीम नैक निरीक्षण के संबंध में लखनऊ मुख्यालय में समीक्षा बैठक में पहुंची है।
दो बार ग्रेडिंग
यूनिवर्सिटी कैंपस की बात करें तो इसे पहले आज तक केवल दो ही वीसी नैक ग्रेडिंग करा पाए हैं। पहली बार साल 2002 में तत्कालीन वीसी प्रो। रमेश चंद्रा ने नैक कराया था। जिसमें यूनिवर्सिटी को बी प्लस ग्रेडिंग मिला था। इसके बाद साल 2016 में वीसी प्रो। एनके तनेजा ने नैक कराया और यूनिवर्सिटी को बी ग्रेड मिला। मगर सीजीपीए 2.84 दिया गया। यूनिवर्सिटी को मिले इस सीजीपीए की हाल ही में सीसीएस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी प्रशंसा की थी। इसके बाद कोरोना के चलते दो साल कोविड काल में बीत गए।
सबसे ज्यादा सीजीपीए
प्रदेश के सभी राज्यों की यूनिवर्सिटीज की बात करें तो प्रदेश में सीसीएसयू का सीजीपीए सबसे अधिक है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ग्रेडिंग के मामले में प्रदेश में पहले के नंबर पर है। हालांकि कई यूनिवर्सिटी का ग्रेड बी प्लस है लेकिन सीजीपीए के मामले में वह सीसीएसयू से नीचे हैं। दरअसल, सीसीएसयू का नैक होने के कुछ महीने बाद यूजीसी ने नैक ग्रेडिंग के नियमों में बदलाव कर दिया था। अब यूजीसी सीजीपीए के आधार पर आठ ग्रेड देती है। ऐसे में अगर सीजीपीए केआधार पर देखा जाए तो यूनिवर्सिटी बी प्लस प्लस की श्रेणी में चल रही है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी को छोड़कर सीजीपीए में सब सीसीएसयू से नीचे हैं।
क्या होता है नैक ग्रेड
नैक, यूजीसी का ही हिस्सा है। इस संस्था की जिम्मेदारी देशभर के यूनिवर्सिटीज, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता परख कर ग्रेड देना है। इसके लिए शिक्षण संस्थान अपने स्तर से प्राथमिक तैयारियां पूरी करने के बाद नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद नैक की ओर से टीम संस्थान का निरीक्षण करती है। निरीक्षण के दौरान कॉलेज में शिक्षण सुविधाएं, रिजल्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, माहौल सहित हर जरूरी बात की जानकारी ली जाती है। इस आधार पर नैक की टीम अपनी रिपोर्ट जमा करती है। सीजीपीए दिया जाता है, जिसके आधार पर ग्रेड जारी होता है। 1994 में बंगलूरू में नैक का मुख्यालय बनाया गया था। कोई भी कॉलेज, यूनिवर्सिटीज एक लाख, डेढ़ लाख, तीन लाख और छह लाख तक सर्विस टैक्स के साथ फीस जमाकर, नैक की टीम को आमंत्रित कर सकती है कि वो आए और उनके संस्थान की जांच कर ग्रेडिंग दे।
सीजीपीए में प्रदेशभर की यूनिवर्सिटीज की स्थिति
सीसीएसयू मेरठ - 2.84
छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर - 2.30
महात्मा ज्योतिबा फूले यूनिवर्सिटी, बरेली - 2.55
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी - 2.80
डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा - 2.79
वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल यूनिवर्सिटी, जौनपुर - 2.54
(हालांकि नए नियमों के बाद सीजीपीए के आधार पर कई यूनिवर्सिटीज को बी प्लस प्लस ग्रेड मिला हुआ है, लेकिन सीजीपीए सबसे अधिक सीसीएसयू का ही है.)
सीजीपीए के आधार पर मिलता है ग्रेड
3.51-4.00 - ए प्लस प्लस
3.26-3.50 - ए प्लस
3.01-3.25 - ए
2.76-3.00 - बीए प्लस प्लस
2.51-2.75 - बीए प्लस
2.01-2.50 - बी
1.51-2.00 - सी
1.50 - डी
इन सात बिंदु पर होगा निरीक्षण
पाठ्यक्रम पहलू
शिक्षण अध्ययन व मूल्यांकन
अनुसंधान परामर्श
संसाधन
छात्र समर्थ व प्रगति
शासन व नेतृत्व
नवीनता व श्रेष्ठ प्रणाली
वर्जन
सभी कॉलेजों को बोल दिया गया है कि वो ग्रेडिंग के लिए अप्लाई करें। सीसीएसयू को ए प्लस प्लस ग्रेड मिले इसको लेकर पूरी तैयारियां की जा रही है। जो कमियां हैं, उनको दूर किया जा रहा है।
वीसी प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू