मेरठ ब्यूरो। सीबीएसई की ओर से अब उन स्कूलों को एफीलिएशन मिलेगा, जिनकी बिल्डिंग में रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था होगी। ऐसे में यदि स्कूलों केे पहले एप्लीकेशन प्राप्त हो चुके हैं तो उनके रिन्युअल से पहले सुविधाओं से मुकम्मल करना होगा। बोर्ड ने सभी स्कूल में लिफ्ट व रैंप के साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए टॉयलेट बनाने को भी अनिवार्य कर दिया है। अब इस संबंध में जरूरी दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं।

नहीं होगी दिक्कत
सीबीएसई बोर्ड का मानना है कि स्कूलों में इन सुविधाओं के न होने के कारण दिव्यांग बच्चों को विशेष रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि ये सुविधाएं पहले से स्कूल में उपलब्ध होंगी तो ऐसे बच्चों को किसी भी तरह की असुविधा या समस्या का सामना नहीं करना होगा। वीडियो उपलब्ध कराने होंगे बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन स्कूलों में यह सुविधा नहीं है। वहां पर तत्काल यह कार्य पूरे कराए जाएं।वहीं, जिन्होंने यह काम पूरा करा लिया है। वे बोर्ड को इसका वीडियो उपलब्ध कराएं, ताकि यह प्रमाणित हो सके कि उनके यहां यह सभी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं।

अभी मेरठ में नहीं है सुविधा
गौरतलब है कि मेरठ डिस्ट्रिक्ट में 90 सीबीएसई स्कूल हैं। इनमें करीब 70 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। अभी तक बोर्ड की ओर से स्कूलों को फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही एफीलिएशन मिलता था। नए नियम के तहत मानक में जिन- जिन बिंदुओं को शामिल किया गया है। उन्हें स्कूलों को पूर्ण करना अनिवार्य होगा। बता दें कि मेरठ में अधिकतर स्कूलों में यह सुविधा अभी नहीं है। यह नियम अब तक एफीलिएशन ले चुके स्कूलों पर भी लागू होगा। जो स्कूल एफीलिएशन के रिन्युअल को लेकर आवेदन करेंगे उनको भी वीडियोग्राफी करानी होगी।

-----------

इस व्यवस्था को तुरंत नहीं लागू करना है। जैसे-जैसे रिन्यू करते हैं वैसे ही स्कूल इस व्यवस्था को दुरुस्त कराएंगे। सभी स्कूल्स इस पर विचार कर रहे हैं।
डॉ। कर्मेंद्र, प्रिंसिपल, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल

बोर्ड की तरफ से गाइडलाइन मिली है। इसमें स्कूल में दिव्यांगों के लिए लिफ्ट या रैंप होने चाहिए, गाइडलाइन पर सभी स्कूलों में विचार किया जा रहा है।
एके दुबे, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

सीबीएसई की तरफ से गाइडलाइन मिली है। जिसके अनुसार कैसे क्या करना है। उस पर ही विचार किया जा रहा है।
अनीता त्रिपाठी, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल

सीबीएसई की गाइडलाइन पर विचार किया जा रहा है। यह तुरंत तो नहीं करना है, रिन्युअल के समय किया जाना है। सभी स्कूल विचार कर रहे हैं।
राहुल केसरवानी, प्रबंधक, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल