वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स के नाम पर लोन लेकर राजस्नेह में कर दी मोटी रकम ट्रांसफर
2013 से 2017 में बड़ी रकम कंपनी से सीए के खाते में की गई था ट्रांसफर
Meerut। सीबीआई की जांच में राजस्नेह ग्रुप के चार निदेशकों द्वारा डायवर्जन ऑफ फंड का मामला पकड़ा गया है। चारों निदेशकों ने पंजाब नेशनल बैंक की स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स शाखा से 20 करोड़ 18 लाख का लोन मोहकमपुर स्थित वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स फर्म के नाम से कराया। 2013 से 2017 तक लोन ली गई रकम राजस्नेह कंपनी के सीए और निदेशक अशोक जैन के खाते में ट्रांसफर की गई थी। इतना ही नहीं, वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स के नाम से दूसरे बैंक में खाता खोलकर भी रकम ट्रांसफर की गई। जिससे बैंक प्रबंधन की इस रकम पर नजर न रहे। सीबीआई इस मामले में कंपनी के निदेशक और गवाह के अलावा बैंक के अफसरों को भी आरोपी बनाने जा रही है।
सीबीआई ने मारा था छापा
शुक्रवार को गाजियाबाद सीबीआई की तीन टीमों ने राज स्नेह ग्रुप के निदेशक अशोक जैन के सूर्या पैलेस और राजेश जैन के प्रेमपुरी और निदेशक मनोज गुप्ता के सदर बाजार स्थित आवास पर छापेमारी की थी। जबकि चौथी टीम राजस्नेह ग्रुप से हटाए गए अनिल जैन के घर वीरनगर ब्रह्मपुरी पहुंची। चारों टीमों ने सुबह आठ बजे से देर शाम तक सभी निदेशकों के आवास पर दस्तावेज खंगाले थे। सीबीआई की जांच में सामने आया कि अशोक जैन, राजेश जैन, मनोज गुप्ता और अनिल जैन ने मोहकमपुर स्थित वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स फर्म के नाम से 20 करोड़ 18 लाख का लोन कराया था।
ऐसे हुआ खेल
आठ फरवरी 2013
पंजाब नेशनल बैंक ने वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स का लोन आठ करोड़ 40 लाख से बढ़ाकर 11 करोड़ 40 लाख कर दिया। उसी दिन इस रकम को कंपनी के खाते से एचडीएफसी बैंक के एक खाते में निकलवा लिया गया।
पांच जून 2014
फर्म का लोन 11 करोड़ 40 से बढ़ाकर 17 करोड़ 40 लाख कर दिया। उसी दिन कंपनी के खाते से तीन करोड़ की रकम राजस्नेह को दे दी गई। इसके 21 दिन बाद ढाई करोड़ की रकम वर्धमान कंपनी के सीए के खाते में ट्रांसफर कर दी गई।
26 सितंबर 2016
चार करोड़ का लोन और बढ़वा दिया। तब दूसरे बैंक में वर्धमान कंपनी का खाता खोलकर उसी दिन एक करोड़ 65 लाख की रकम निकाली गई। राजस्नेह के खाते में भी दो करोड़ 30 लाख की रकम ट्रांसफर की गई।
20 अप्रैल 2017
फिर एचओडी लिमिट बनाकर तीन करोड़ का लोन बढ़ाया गया। दो करोड़ 80 लाख की रकम राजस्नेह कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर ली गई।
12 अक्टूबर 2017
एसओडी लिमिट के द्वारा एक करोड़ का फिर लोन लिया, जिसमें से 95 लाख की रकम अशोक जैन के खाते में ट्रांसफर की गई। सीबीआई ने सभी निदेशकों से इस रकम के बारे में जवाब मांगा है।
इनके खिलाफ हुआ मुकदमा
निदेशक अशोक जैन, राजेश जैन, मनोज गुप्ता, अनिल कुमार जैन, गवाह में अंशुल और अंकित जैन पुत्रगण अनिल जैन, पूनम जैन पत्नी राजेश जैन, संगीता जैन पत्नी संजय जैन, साधना जैन पत्नी अशोक जैन और वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स व राजस्नेह ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी मुकदमे में नामजद किया गया है। सभी के सीबीआई बयान दर्ज कर चुकी है। सीबीआई डायवर्जन ऑफ फंड के इस मामले की जांच में बैंक अफसरों को भी आरोपी बनाने जा रही है।