मेरठ (ब्यूरो)। कैंट बोर्ड के सिविल क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर अभी फिलहाल फीडबैक लेने का सिलसिला जारी है। सरकार ने भी इसको लेकर कैंट बोर्ड से विचार करने को कहा है। बीते दिनों इस संबंध में बैठक में भी कैंट बोर्ड के क्षेत्रों को नगर निगम में ले जाने पर चर्चा की गई थी। अब व्यापारियों ने भी इस विचार को समर्थन देना शुरू कर दिया है।
आसानी से होंगे मरम्मत कार्य
बता दें कि रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट बोर्ड व सेना को पत्र भेजकर क्षेत्र का सर्वे करने के लिए कहा गया है। इसमें भारत सरकार ने भी कैंट से फीडबैक लेने का कहा है। इसकी रिपोर्ट भी अगले सात दिनों में मांगी है। इसके अनुसार मेरठ के कैंट क्षेत्र के सिविल एरिया को स्थानीय निकाय में शामिल किया जाने की तैयारियां हैं। कैंट व्यापारियों ने कहा कि अगर कैंट क्षेत्र का सदर, आबूलेन समेत सिविल एरिया नगर निगम में शामिल होता है तो लोगों की बहुत सी समस्याएं दूर होंगी। उन्हें घरों, दुकानों की मरम्मत, म्यूटेशन, टैक्स की समस्याओं को लेकर कैंट बोर्ड के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उनके सभी काम आसानी से हो जाएंगे।
दुकानदारों को होगा फायदा
कैंट में 25 सौ से अधिक दुकानदारों को इससे फायदा होगा। वहीं कैंट निवासियों की बात करें तो सिविल एरिया में करीब 20 हजार मकानों को इस फैसले से फायदा मिलने वाला है। सभी निवासियों को यहां पर विभिन्न समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। सीईओ नवेंद्र नाथ ने बताया कि इसको लेकर फीडबैक लिए जा रहे हैं। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को भेजी जाएगी। उसके बाद ही इस पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
क्या होंगे फायदे
लोग अपने मकान पर आसानी से लोन ले सकेंगे।
दुकानों व मकानों की मरम्मत करवाने के लिए अब परमिशन लेने की अवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मोबाइल टावर आसानी से लग सकेंगे। इससे सभी को फायदा होगा और नेटवर्क की समस्या दूर हो जाएगी।
पार्किंग कर, हाउस टैक्स आदि विभिन्न करों से मुक्ति मिलेगी।
कैंट में अक्सर अपने मकानों को सेल करने व खरीदने में समस्या आती है, जो नहीं आएगी।
मकान को अपने नाम चढ़वाने की समस्या से भी निजात मिलेगी।
इनकी क्या है राय
अगर कैंट का सिविल एरिया नगर निगम में शामिल हो जाता है तो मुझे व मेरे जैसे कई व्यापारियों को लाभ होगा। कैंट बोर्ड द्वारा हाउस टैक्स व अन्य करों को बढ़ाए जाने से सभी परेशान हैं। लोगों को मकानों व दुकानों की मरम्मत व नाम आदि कराने में काफी दिक्कतें आती हैं। जो दूर होंगी।
अमित बंसल, महामंत्री सदर व्यापार मंडल