मेरठ (ब्यूरो)। आरटीओ कार्यालय में प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों से रिलेटेड कोई भी आप करा सकते हैैं, मगर आसानी से नहीं। नहींनहींआप समझे नहींमेरे कहने का मतलब है कि वाहन की फिटनेस हो या रजिस्टे्रशन, आरसी ट्रांसफर करानी हो या ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, इसके लिए विभाग में बाबूओं और अधिकारियों के चक्कर तो लगाने ही पड़ते हैैं। मगर इनसे इतर अगर आपको कोई काम ले-देकर यानी सुविधा शुल्क देकर जल्द कराना है तो आपको विभाग के गेट से लेकर अंदर काउंटर्स तक दर्जनों ऐसे युवक मिल जाएंगे, जिन्हें विभाग मुताबिक अनुबंध पर रखा गया है। ये युवक आपको चक्कर काटने से निजात दिलाकर विभाग में अधिकारियों के स्तर के कई महत्वपूर्ण काम चुटकियों में करा देते हैं।
अधिकारियों के हेल्पर बने युवक
आरटीओ कार्यालय के अधिकतर काउंटर्स पर सारा काम ऑनलाइन होता है। फीस से लेकर टैक्स तक की ऑनलाइन फीडिंग होती है। ऐसे में आधा दर्जन से अधिक काउंटर्स पर अनुबंध वाले युवक ही बाबूओं का काम संभाल रहे हैं। स्थिति यह कि अधिकतर बाबूओं ने अपने कंप्यूटर की गोपनीय आईडी और पासवर्ड तक इन युवकों के सुपुर्द किए हुए हैैं। ये युवक अपने हिसाब से फाइल अपडेट से लेकर टैक्स और फीस फीडिंग तक का काम संभाल रहे हैैं।
बंद कमरों में अंजान लोग
आरटीओ परिसर के फाइल रूम के आसपास अधिकतर कमरे बाहर से बंद रहते हैं लेकिन इन कमरों में जिम्मेदार बाबूओं से ज्यादा ये अनुबंधित युवक काम करते नजर आते हैं। बंद कमरे में निजी कंप्यूटर ऑपरेटर्स की मदद से विभागीय की गोपनीय फाइलों में फीडिंग की जाती है। इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जो कई बार विभाग में दलाली के आरोप में जेल भी जा चुके हैं।
रिटायर्ड बाबू कर रहे काम
हालत यह है कि विभाग से रिटायर्ड हुए बाबूओं से कुर्सी का मोह तक नहीं त्यागा जा रहा है। कई बाबूओं को रिटायर हुए दो से तीन साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक बाबू फाइलों की जांच से लेकर साइन तक का काम कर रहे हैं।
फिटनेस जांच रहे चपरासी
वहीं आरटीओ में रोजाना आने वाले सैकड़ों वाहनों की फिटनेस के लिए भी अनुबंधित युवकों और विभाग में कार्यरत चपरासी को जिम्मेदारी मिली हुई है। आरआई की अनुपस्थिति में ये दलाल ही वाहनों की फिटनेस फाइल की जांच और उगाही तक करते हैं। अधिकतर गाडिय़ों की फिटनेस तक की रिपोर्ट को कुछ पैसा लेकर मेंटेन कर दिया जाता है।
विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते कुछ निजी युवकों को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा हुआ है लेकिन अनाधिकृत काम कोई नहीं कर रहा है।
राहुल शर्मा, आरआई