मेरठ (ब्यूरो)। बैठक के दौरान खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के पोर्टल की खामियों से लेकर प्रदेश एवं केंद्र सरकार की केमिस्ट विरोधी नीतियों पर चर्चा की समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई। इसके साथ ही ओसीडी यूपी के नाम से चल रहे एक फर्जी दवा संगठन की जानकारी संगठन के सदस्यों को दी गई।
फर्जी संस्था पर उठे सवाल
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दाऊ दयाल शर्मा और संचालन संजय गुप्ता ने किया। बैठक में ओसीडी यूपी के महामंत्री सुभाष चौहान ने बताया की प्रदेश में एक संगठन जो ओसीडी यूपी के नाम से दवा संगठन होने का दावा कर रहा है। यह संगठन दवा व्यापारियों के शोषण के नियत से कुछ वर्ष पहले बनाया गया था। इस संगठन के पदाधिकारी ने पूरे प्रदेश में जम कर उगाही की और किसी भी व्यापारी की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया है। इस संगठन के पदाधिकारी ने व्यापारियों को भ्रमित करते हुए अपने संस्था को चिटफंड सोसाइटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड न करवाते हुए एक ट्रस्ट के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन इसलिए कराया जिससे उनका स्वामित्व सदैव के लिये बना रहे। यह एक ट्रस्ट है, जिसको संवैधानिक तौर पर एआईओसीडी एफिलिएशन नहीं दे सकती है।उचित निर्णय लिए गए
इसके अलावा बैठक में विभिन्न विषयों पर गंभीर चर्चा हुई एवं दवा व्यापारियों के हित में उचित निर्णय लिए गए। कार्यक्रम में संस्था के चेयरमैन मौ। गजनफर सिद्दीकी, प्रमोद मित्तल, संयोजक जयदीप गुप्ता, उपाध्यक्ष रजनीश कौशल, संगठन मंत्री सतीश तायल, कोषाध्यक्ष अंजनी जयसवाल, देव प्रताप सोलंकी आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।