-बीफ पर विवादित बयान देने पर मेरठ में भाजपा नेता ने की थी कोर्ट में शिकायत
-गुरुवार को एसीजेएम फर्स्ट ने मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही के दिए आदेश
Meerut : सुप्रीम कोर्ट के फॉर्मर जस्टिस और प्रेस काउंसिल के फॉर्मर चेयरमैन मार्कडेय काटजू के खिलाफ बीफ पर विवादित बयान देने पर मेरठ में मुकदमा दर्ज हो गया है। ये मुकदमा मेरठ की एसीजेएम फर्स्ट कोर्ट में भाजपा के झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील भराला की कंप्लेन के बाद हुआ।
दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि दादरी के बिसाहड़ा कांड के बाद देशभर में चर्चा का विषय बने 'बीफ' पर राजनैतिक दलों के साथ-साथ नामचीन की नियमित प्रतिक्रियाएं आ रही थी। इसी क्रम में तीन अक्टूबर को बीएचयू में एक प्रोग्राम के दौरान फॉर्मर जस्टिस काटजू ने अपने बयान में मीडिया के समक्ष कहा था कि 'मैं गाय का मांस खाता हूं, मैंने कई बार गाय का मांस खाया है। मुझे इसे खाने से कोई नहीं रोक सकता है, जो लोग गाय को माता कहते हैं वह सब पागल की श्रेणी में आते हैं.' काटजू के बयान के बाद देशभर उनकी घोर निंदा हुई थी तो वहीं मौके पर मौजूद छात्रों ने अभद्रता भी कर दी थी।
25 दिन पहले हुई थी कंप्लेन
फॉर्मर जस्टिस काटजू के बयान के खिलाफ भाजपा सुनील भराला ने एसीजेएम फर्स्ट कोर्ट में करीब 25 दिन पहले कंप्लेन की थी। कंप्लेन में काटजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग भराला ने की थी। उन्होंने काटजू के बयान को हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया और मांग की कि ऐसे में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
कोर्ट ने दिए मुकदमे के आदेश
एसीजेम फर्स्ट प्रकाश तिवारी ने इस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए काटजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। धारा-200 के तहत बयान दर्ज कराने के कोर्ट ने काटजू को आदेश है। सुनवाई की अगली तारीख 9 दिसंबर है। शिकायतकर्ता सुनील भराला का कहना है कि काटजू ने अपने बयान में ये भी कहा था कि 'गाय हमारी माता नहीं है। वो एक पशु है। जो लोग गाय तो माता कहते हैं वो भी पशु के समान है। लोगों को अपनी मानसिकता को बदलना होगा.' काटजू के बयान से देश में हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।