मेरठ (ब्यूरो)। सर्दियों की आहट के साथ ही बढ़ते पॉल्यूशन ने शहर पर शिकंजा शुरू कर दिया है। दिन ढलता नहीं कि हर तरफ धुंध छाने लगती है। बात यहीं तक होती तो ठीक था लेकिन ये मामला गंभीर है। पॉल्यूशन का लेवल अक्टूबर के फस्र्ट वीक में ही 200 के पार जा चुका है। इतना ही नहीं, इसके चलते ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को समय से पहले ही लागू कर दिया गया है।
23 विभाग करेंगे निगरानी
इसे प्रदूषण का असर ही कहेंगे कि हर साल 15 अक्टूबर से लागू होने वाले ग्रेप को इस साल सितंबर माह से ही लागू कर दिया गया था। लेकिन एक्यूआई 250 पार पहुंचने के बाद अब इस सप्ताह से ग्रेप के नियमों को गंभीरता से लागू कर दिया गया है। इसके लिए बकायदा 23 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो अपने अपने स्तर पर जांच और एक्शन लेने।
अक्टूबर माह में अधिकतम एक्यूआई
जयभीम नगर- 5 अक्टूबर 264
पल्लवपुरम- 4 अक्टूबर 267
गंगानगर - 5 अक्टूबर 205
इन विभागों की रहेगी जिम्मेदारी
ग्रेप में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस प्लान का प्रमुख विभाग होगा। प्रदूषण विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, आवास विकास, यूपीसीडी, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, एनएचएआई, एमडीए, आरटीओ समेत करीब 23 विभाग काम करेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित की गई है।
इस तरह प्रदूषण पर रहेगी लगाम
नगर निगम द्वारा टैंकर से रोजाना सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।
सड़क पर धूल मिटटी से निजात के लिए स्वीपिंग मशीन से रोस्टर बनाकर सड़को की होगी सफाई
शहर में हो रहे भवन निर्माण को मानकों के अनुसार अनुमति दी जाएगी।
एमडीए, आवास विकास और यूपीसीडी निर्माणधीन कंसट्रक्शन जिसका एरिया 2000 वर्ग मीटर से अधिक है पर पीटीजेड कैमरे से निगरानी करेंगे।
खुले में रखे रोड़ी, डस्ट को कवर किया जाएगा।
शहर की सड़कें गड्ढा मुक्त की जाएंगी।
नगर निगम के स्तर पर खुले में कूड़ा न डालने पर रोक, कूड़ा जलाने पर रोक रहेगी।
कूड़ा, पराली जलाने पर निगम के स्तर पर कार्यवाही की जाएगी।
इंडस्ट्रीज में जेनरेट को मानक के अनुसार इस्तेमाल का अनुमति रहेगी।
इंडस्ट्रीज में बॉयलर के संचालन पर मानकों के अनुसार अनुमति मिलेगी।
स्वच्छ वायु ऐप, फेसबुक, ट्वीटर के के माध्यम से वायु प्रदूषण की शिकायतों का तुरंत निस्तारण होगा।
पीएम 2.5 की मात्रा 270 के आसपास
वातावरण इन दिनों शुष्क है। लेकिन रात में आ²ता का प्रतिशत 70 के आसपास बना हुआ है। जयभीम नगर में शुक्रवार की रात 12 बजे से शनिवार दोपहर 12 बजे तक पीएम 2.5 की स्थिति 250 से 270 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। पल्लवपुरम में भी यही स्थिति है। पीएम 2.5 की यह मात्रा खराब वायु गुणवत्ता को दर्शाती है।
ये है एयर क्वालिटी इंडेक्स का गणित
एक्यूआई कैटेगरी रंग
0 से 50 गुड डार्क ग्रीन
51 से 100 संतुष्ट लाइट ग्रीन
101 से 200 मॉडरेट येलो
201 से 300 पूअर ऑरेंज
301 से 400 वेरी पूअर रेड
401 से 500 सीवियर मरून
ग्रेप सिस्टम इस बार सितंबर में ही लागू कर दिया गया। वहीं कमेटी बनाकर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने की कवायद शुरू की जा चुकी है।
भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, मेरठ