मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि साल 2013 से लेकर 2020 तक जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का डाटा नगर निगम के ई-नगरीय सेवा पोर्टल पर अपलोड किया जाता था। हॉस्पिटल में जन्म लेने वाले बच्चे से लेकर घर में पैदा होने वाले बच्चों या फिर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए इसी पोर्टल पर जानकारी अपलोड और वेरीफाई होने के बाद नगर निगम द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाता था। मगर वर्ष 2020 में सरकार द्वारा ई-नगरीय सेवा पोर्टल बंद कर सीआरएस यानि सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पोर्टल लागू कर दिया गया। ई-नगरीय सेवा पोर्टल का डाटा इस नए पोर्टल पर अपडेट किया जाना था मगर किन्हीं कारणों से डाटा अपलोड नहीं हो सका। जिसकी वजह से 2020 से पहले नगर निगम द्वारा बनाए गए सभी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का डाटा लापता हो गया।
नहीं होंगे वैरिफाई
पोर्टल बंद होने से 2013 से 2020 के बीच बने करीब सवा तीन लाख के करीब जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का रिकार्ड गुमशुदा हो गया है। इसे ऐसे समझें कि अगर आप 2020 से पहले बने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र को किसी कॉलेज या स्कूल के एडमिशन में प्रयोग करेंगे वह प्रमाण पत्र ऑनलाइन वेरीफाई नहीं हो सकेगा। वहीं किसी कोर्ट केस, नामांतरण, वसीयत आदि में यदि आप किसी का मृत्यु प्रमाण पत्र जोकि 2020 से पहले का बना हुआ है, उसका प्रयोग करेंगे तो वह भी अमान्य होगा। इन हालात में अब आपको नए प्रमाण पत्र ही बनवाने होंगे।
आ रही परेशानी
इसमें सबसे अधिक परेशानी उन अभिभावकों को आ रही है जो अपने बच्चों के एडमिशन के लिए स्कूल या कॉलेज में जन्म प्रमाण पत्र जमा कर रहे हैं। अधिकतर स्कूल ऑनलाइन बर्थ सर्टिफिकेट चेक करने के बाद ही उसको वैलिड मानते हैैं। मगर ई-नगरीय सेवा पोर्टल बंद होने से ये सर्टिफिकेट ऑनलाइन रिजेक्ट हो रहे हैं। ऐसे में अब नया सर्टिफिकेट बनवाने के अलावा कोई और चारा ही नहीं है। वहीं जिन अभिभावकों को अपने बच्चों के नाम बदलवाने हैं या नाम में करेक्शन कराना है उनको भी नया सर्टिफिकेट बनवाना पड़ेगा।
ई-नगरीय सेवा पोर्टल सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। सीआरएस पोर्टल 2020 में लागू कर दिया गया था। इस पोर्टल पर सभी प्रकार के नए प्रमाण पत्र बन रहे हैं। जिनका सर्टिफिकेट पुराना बना हुआ है, उनको अपना सर्टिफिकेट सीआरएस पर अपडेट करना होगा।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी