मेरठ (ब्यूरो)। आज इंटरनेट ने बच्चों से लेकर बड़ों तक हर चीज का एक्सेस मुमकिन कर दिया है। आपको याद होगा जब 2018 में असम के जोरहाट की 18 वर्षीय आस्था सरमाह ने ग्लोबल वार्मिंग का मजाक उड़ाते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट पर जोरदार प्रतिक्रिया दी थी। लेकिन आज से 20 साल पहले की बात करें तो किसी 10 साल के बच्चे के लिए जीवन में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझ पाना नामुमकिन-सा लगता है। मगर सरधना निवासी रिहान मलिक तब ये समझ गए थे कि कि पेड़ लगाने से ही दुनिया बचेगी। आज तक रिहान मेरठ में करीब एक लाख पौधे लगा चुके हैैं। आगे की कहानी सुनिए उन्हीं की जुबानी
पिता से प्रेरित हुआ
मैैं एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं। पिता के सामाजिक व पर्यावरण संरक्षण के कार्यों से प्रेरित होकर लगभग 10 साल की उम्र से ही पेड़-पौधों, प्रकृति, पर्यावरण व जल संरक्षण आदि के कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने लगा था। तब बस लगता था कि कुछ अच्छा कर रहा हूं लेकिन अब उस काम का महत्व समझ में आता है। लोगों को भी समझाता हूं कि आप भी ये करिए।
पौधों की देखभाल जरूरी
मैैंने 20 सालों में मेरठ के गंगानगर, मोदीपुरम और सरधना क्षेत्र समेत आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न प्रजातियों के करीब एक लाख से अधिक पौधे लगाए हैैं। दो लाख से अधिक पौधों का फ्री में वितरण कर चुका हूं। मैैं ये मानता हूं कि केवल पौधे रोपने से हमारा काम पूरा नहीं होता, वो काम तो बाकी लोग भी कर रहे हैैं। बेहद जरूरी है कि जिस शिद्दत से पौधे रोपे गए हैैं, उनकी देखभाल भी उसी शिद्दत से की जाए।
उपलब्धिों के लिए मिला सम्मान
डॉ। बीआर अंबेडकर अवार्ड
खिदमत-ए-खल्क अवार्ड
पत्रकार यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने किया सम्मानित
खिदमत अवार्ड
मौलाना आजाद एजुकेशनल ट्रस्ट ने किया सम्मानित
जनहित एवं स्वास्थ्य सेवा समिति ने किया सम्मानित
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल ने किया सम्मानित
मलिक वेलफेयर सोसाइटी ने किया सम्मानित
इशारा एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी ने किया सम्मानित
वेद परायण संस्था ने किया सम्मानित
गॉडविन वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाईटी ने किया सम्मानित
पर्यावरण धर्म समिति ने किया सम्मानित