मेरठ (ब्यूरो)। होली के बाद दूसरे दिन अस्पताल में पेट दर्द, उल्टी व डायरिया के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक रोगियों की भीड़ लगी रही। चिकित्सकों को लंबी कतार लगने से रोगियों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। हालांकि बदलते मौसम में हर साल ये बीमारियां अपना असर दिखाती है लेकिन चिकित्सकों के अनुसार इस मौसम में लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है।
लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या
होली पर्व पर जहां लोगों ने जमकर पानी व रंगों की होली खेली, वहीं विभिन्न प्रकार के लजीज पकवान का आनंद भी लिया। जिसका असर लोगों के स्वास्थ पर पड़ा है। पानी में भीगने के कारण लोग सर्दी, जुकाम व बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा बच्चे, युवा और बुजुर्ग पेट दर्द, मरोड़ और दस्त की समस्या से जूझ रहे हैं। मेडिकल कालेज में होली के बाद से ही पर्ची काउंटर पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। होली के बाद गुरुवार को जहां मेडिकल कालेज में 1117 मरीजों के पर्चे बने वहीं शुक्रवार को 1443 और शनिवार को करीब 1482 मरीजों की ओपीडी रही। तीन दिन से लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या में सबसे अधिक बुखार, पेट दर्द और गले मेें दर्द के मरीजों की संख्या सामने आ रही है।
डायरिया और बुखार कर रहा परेशान
वहीं रोजाना की अपेक्षा शनिवार को ओपीडी में काफी भीड़ रही। एक रोगियों के साथ तीन से चार तीमारदार मौजूद रहें। इमरजेंसी कक्ष के सामने से लेकर बरामदे तक तीमारदार फर्श पर ही अपना समय गुजारते रहे। शनिवार को विभिन्न ओपीडी में करीब 400 से अधिक बुखार, गले में दर्द, उलटी, दस्त के मरीज शामिल रहे। जबकि 250 रोगी त्वचा संबंधी समस्या से परेशान रहे। सामान्य रोगियों को चिकित्सक दवा देकर घर भेज दे रहे हैं, लेकिन गंभीर रोगियों को भर्ती करना पड़ रहा है। इस दिन इंसेफेलाइटिस वार्ड में 26 बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। इसमें 8 से 10 बच्चे डायरिया से पीडि़त रहे।
इन बातों का रखें ध्यान
शुद्ध पेयजल का सेवन करें।
संतुलित आहार का सेवन करें।
स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
मच्छरदानी का प्रयोग करें।
बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
घर के आस-पास पानी एकत्रित व गंदगी न होने दें।
मौसम में बदलाव के दौरान असंतुलित खान पान से पेट दर्द व उलटी दस्त की समस्या बढ़ जाती है। आमजन को भी स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की जरूरत है। किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो, तो तत्काल सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से संपर्क करें।
आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज