- प्रोफेशनल कोर्स की हाई मेरिट में मारना चाहते हैं बाजी
- पीएचडी वालों में भी है बीएड काउंसिलिंग का क्रेज
Meerut- शिक्षक बन आराम की नौकरी करने की चाह में इन दिनों बीएड करना अधिकतर को रास आ रहा है। मेरठ में काउंसिलिंग तीन सेंटरों पर चल रही है। बीएड काउंसिलिंग में हायर एजुकेशन से पासआउट छात्र भी काउंसिलिंग कराने पहुंच रहे हैं। वैसे तो बीएड की न्यूनतम योग्यता स्नातक है, लेकिन बीएड करने की दौड़ में बीटेक, एमबीए और पीएचडी जैसी डिग्री हासिल करने वाले भी कतार में हैं।
सुलभ जरिया मान रहे हैं बीएड
बता दें कि मेरिट के हिसाब से सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले छात्र बीएड का आज भी सबसे सुलभ जरिया मान रहे हैं। जिसकी वजह से काउंसिलिंग की कतार में बीटेक और एमबीए वाले छात्र भी दिख रहे हैं। मगर इनके लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब बीटेक और एमबीए करने वाले छात्र सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनेंगे। वहीं बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा काउंसिलिंग प्रक्रिया के आठवें दिन शहर में बनाए गए तीनों काउंसिलिंग सेंटरों पर केवल 50 प्रतिशत अभ्यर्थी ही काउंसिलिंग के लिए पहुंचे। उनमें भी अधिकांश अभ्यर्थियों के पास आधा अधूरे कागजात पाए गए। बीएड काउंसिलिंग में जहां बीए बीएससी और बीकॉम जैसे सामान्य छात्र-छात्राओं का रुझान दिखता हैं। वहीं अब दूसरी ओर काउंसिलिंग में बीटेक और एमबीए करने वाले अभ्यर्थी भी बीएड करने के लिए पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है प्रोफेशनल कोर्स में सेमेस्टर व आंतरिक मूल्यांकन होने की वजह से अभ्यर्थियों ने बीटेक और एमबीए जैसे कोर्स में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। जिसके जरिए वह बीएड कर मेरिट से सरकारी शिक्षक बनने का सपना बुन रहे हैं। जबकि बीटेक कर छात्र किसी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर सकता है और एमबीए वाला छात्र मैनेजर बन सकता हैं, लेकिन हायर डिग्री लेने के बाद भी नौकरी न मिलने की समस्या ने छात्रों को बीएड करने पर मजबूर कर दिया है। जिसका परिणाम बीएड काउंसिलिंग में देखने को मिल रहा है।
नहीं ला रहे मूल प्रमाणपत्र
अधिकांश अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो मूल प्रमाण पत्र लेकर नहीं आ रहे हैं। काउंसिलिंग के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को भी बोला गया है कि वह मूल प्रमाण पत्र लेकर आए। इसके अलावा अन्य अभ्यर्थियों को भी कहा गया है कि वह काउंसिलिंग के लिए अपने पूरे प्रमाणपत्र लेकर आए। ताकि काउंसिलिंग में परेशानी न हो सके।
सेंटरों पर कुछ ऐसे भी अभ्यर्थी काउंसिलिंग लेने पहुंच रहे हैं जिन्होंने बीटेक कर रखी है। इसके बारे में जानकारी मिल रही है कि हायर एजुकेशन वालों में बीएड का क्रेज दिखाई दे रहा है।
डॉ। पीके मिश्रा, सिटी कोर्डिनेटर, बीएड काउंसिलिंग