मेरठ (ब्यूरो). शहर में 800 से ज्यादा डेयरियां संचालित हैं। क्या आपको पता है कि रोजाना इन डेरियों से निकलने वाला सैकड़ों टन गोबर कहां जाता है? यदि नहीं, तो हम आपको बताते हैं कि डेरियों से निकलने वाला गोबर शहर की सीवर लाइन में जाता है। इससे जहां नालियां चोक हो रही हैं। वहीं सीवर लाइन भी जाम हो रही है। हालात यह हो चुके हैं कि अब डेयरियों का यह गोबर शहर की वीआईपी कॉलोनियों के बाहर ढेर और उपलों के रूप में एकत्र होने लगा है। इन वीआईपी में शहर के सांसद तक शामिल हैं। जिनके घर से मात्र 100 मीटर दूर ही उपलों का पूरा बाजार सा सजा हुआ है। लेकिन, नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। समस्या से जूझ रहे स्थानीय नागरिक ने नगरायुक्त को बकायदा ट्वीट कर इस समस्या से निस्तारण की मांग की है।

वीआईपी इलाके बदहाल
हम बात कर रहे हैं शहर के वीआईपी इलाके चाणक्यपुरी, अंसल कॉलोनी, क्लाउड-9 और गोल्डन टावर जैसी रिहायशी सोसाइटी के बीच जागृति विहार एक्सटेंशन रोड किनारे एक खाली प्लॉट की। जिस पर आसपास के ग्रामीणों ने अस्थाई कब्जा कर गोबर का पहाड़ लगा दिया है। इस प्लॉट पर दूर दूर तक गोबर और उपलों का ढेर लगा रहता है। जिस कारण से आसपास के इलाके में गंदगी, मच्छर और बदबू फैली रहती है। कई सालों से लगातार बढ़ रहा गोबर का ढेर अब यहां के स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इसलिए लोग सांसद से लेकर नगरायुक्त तक से इस समस्या के निस्तारण की मांग कर रहे हैं।

हाई कोर्ट के आदेश हवा हवाई
गौरतलब है कि शहर में गोबर के कारण फैल रही गंदगी को लेकर एनजीटी कई बार नगर निगम प्रशासन को फटकार लगा चुका है। हाई कोर्ट का आदेश है कि सभी डेयरियों को शहर से बाहर किया जाए। न्यायालय में फटकार के बाद नगर निगम बोर्ड और प्रशासन ने डेयरी संचालकों पर जुर्माने की कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया था। नगर निगम प्रशासन ने नियमावली तैयार कर जुर्माना वसूली के लिए शासन से भी स्वीकृति प्राप्त कर ली है। इसके तहत गत दिनों ही नगर निगम ने 29 डेयरी संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराई है। इससे पहले भी करोड़ों रुपए का जुर्माना नोटिस तक दिया जा चुका है। लेकिन, इसके बाद भी डेयरियां जस की तस शहर में बसी हुई हैं।

फैक्ट-
-800 के करीब शहर में डेयरियों का संचालन
-15000 से अधिक इन डेरियों में हैं पशु
-2018 के फरवरी में डेयरी संचालकों के खिलाफ 12 लाख की आरसी जारी की गई थी
- 45 डेयरी संचालकों के खिलाफ जून 2020 में 3.55 करोड़ रुपए का लगाया गया जुर्माना
- 29 डेयरी संचालकों के खिलाफ गत सप्ताह दर्ज कराई गई एफआइआर
-21 डेयरी संचालकों के खिलाफ बुधवार को नगर निगम ने कराई एफआइआर

डेयरियों से प्रभावित क्षेत्र
-ओडियन नाला क्षेत्र का मकबरा घोसियान, माधवपुरम, खत्ता रोड, समर गार्डन, जागृति विहार नाला रोड, जली कोठी, थापर नगर

कोटस-
इस स्थान पर पिछले कई माह से लगतार गोबर का ढेर, कूड़ा, उपले बढ़ते जा रहे हैं। नगर निगम से लगातार शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही है।
-अंकुर बंसल

गोबर और उपलों से परेशानी इतनी नहीं है जितना, इसके करण यहां बढ़ रही गंदगी से होती है। इसके कारण मच्छर और बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
- नेहा

हल्की सी हवा चलते ही पूरी सोसाइटी में बदबू फैल जाती है। इसके कारण सोसाइटी के लोग काफी परेशान हैं।
-रूप कुमार, सचिव गोल्डन टॉवर

डेयरियों से निकलने वाले गोबर से नालियां चोक हो रही हैं। इससे गंदगी और मच्छर पनप रहे हैं। बीमारियां बढऩे का खतरा अधिक रहता है।
शैलेंद्र गौड, अध्यक्ष गोल्डन टावर


वर्जन
डेयरियों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। एफआइआर के बाद अब जुर्माना भी लगाया जाएगा। जिस स्थान पर शिकायत की गई है। वहां का निरीक्षण कर जगह खाली कराई जाएगी।
- डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी