मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, जागृति विहार एक्सटेंशन योजना सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर से एक-एक हजार, कमालपुर की 800 रुपये, घोसीपुर से 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी गांवों के किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरू कर दी।
कब्जा भी नहीं मिला
आवास विकास ने इस योजना के सेक्टर-5 में 500 से अधिक आवासों का आवंटन भी लकी ड्रॉ प्रक्रिया के माध्यम से गत वर्ष कर दिया था। इन आवंटियों से 30 से 40 प्रतिशत तक पैसा भी जमा कराया जा चुका है, जो लगभग 40 करोड़ रुपये के करीब है। ऐसे में अपने घर के लिए पैसा दे चुके आवंटियों को एक साल से आवास पर कब्जा नहीं मिल रहा है। दरअसल, बढ़े प्रतिकार की मांग को लेकर गत वर्ष 13 जुलाई से किसान जागृति विहार एक्सटेंशन में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। साथ ही अपने आवास का कब्जा लेने आने वाले आंवटियों को कब्जा नहीं लेने दे रहे हैं।
125 करोड़ का विवाद
इस समस्या के निपटारे के लिए आवास विकास को किसानों को 125 करोड़ रुपए प्रतिकर देना होगा। मगर आवास विकास के लिए ये सब इतना आसान नहीं होने वाला है। यदि यह प्रतिकर दिया गया तो आवास विकास को अपनी जमीन के रेट 3000 रुपये तक प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बढ़ाने होंगे। शासन को भेजी रिपोर्ट में आवास विकास ने किसानों को बढ़ा हुआ प्रतिकर देने की एवज में दरें बढ़ाने की बाध्यता बताई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इससे अतिरिक्त भार जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 के सेक्टर-5 के 500 से अधिक आवंटियों पर पड़ेगा।
फैक्ट्स
जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 के सेक्टर 5 के भवनों का मामला।
2021 में हुआ 500 से अधिक भवनों का आवंटन।
भवनों की कीमत 19 लाख और 24 लाख।
आवंटियों से एडवांस में 7 प्रतिशत फिर 30 प्रतिशत तक की राशि हुई जमा।
एक्सटेंशन की जमीन का रेट 24050 प्रति वर्ग मीटर तय।
प्रतिकर दिया तो 3159.45 प्रति वर्ग मीटर की दर से रेट बढ़ेंगे।
इसके बाद एक्सटेंशन में जमीन का रेट 27210 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक होगा।
किसानों से बात कर जल्दी समस्या के निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में मुख्यालय को रिपोर्ट पहले ही भेजी जा चुकी है।
राजीव कुमार, एसई, आवास विकास