मेरठ ब्यूरो। श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में 48 दिवसीय श्री भक्तांबर महामंडल विधान पूजन चल रहा है। इसके 29 वें दिन श्री 108 ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में शांतिधारा व अभिषेक आयोजित किया गया। इसमें सौधर्म इंद्र और कुबेर इंद्र बनने का सौभाग्य दीपक जैन दीपांशु जैन साहिल जैन संजय जैन अतिन जैन परिवार को मिला। इसके बाद मुनि श्री 108 ज्ञानानंद महाराज ने प्रवचन दिए।
आत्मशक्ति नहीं है
उन्होंने कहा व्यक्ति के पास सब कुछ होने के बावजूद भी आत्मशक्ति नहीं है। इस कारण वह अधूरा सा है। समस्या के समाधान के लिए इच्छाओं पर विराम लगाना होगा। वरना अधूरेपन में भटकते रहेंगे। पूजन करने के बाद भी तृप्ति नहीं मिलती, जो भोगना है भोगो, लेकिन एक स्थिति पर विराम देना होगा। जैन धर्म में इच्छाओं को विराम देकर आत्मकल्याण का जो मार्ग बताया गया है।
बुराइयों को निकालें
उन्होंने कहा हमें अपने जीवन में बुराइयों को निकालना होगा। एक बुराई के निकलते ही एक अच्छाई प्रकट होती है।जीवन में जितनी बुराइयां निकालोगे अच्छाइयां खुद ही प्रकट हो जाएंगी। पास से भी तृप्ति नहीं होती मुनिश्री ने कहा कि जो पाप करते हैं उन्हें पाप से भी तृप्ति नहीं होती है। उसी प्रकार हमें ऐसे कर्म करने चाहिए, जिससे आत्मशांति मिल सके। उन्होंने कहा दुख को डरकर भोगोगे तो यह तुम्हारा पीछा करेगा और अगर डटकर खड़े हो जाओगे तो वह खुद डरकर जाएगा। जो डर गया समझो मर गया। ये लोग रहे मौजूद इस अवसर पर विनोद जैन, विपिन जैन, उमेश जैन, मनोज जैन, अमित जैन, प्रतीक जैन ,शुभम जैन ,शोभा जैन, अलका जैन ,अरू जैन ,ईशा जैन रचित जैन आदि उपस्थित रहे। आज सुबह अभिषेक के बाद भक्तांबर महामंडल विधान रहेगा।