मेरठ (ब्यूरो)। बीते दो माह में निगम के कंट्रोल रूम के नंबर पर 21 से अधिक कूड़े में आग की शिकायतें दर्ज हो चुकी हंै, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एनजीटी के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। हालत यह है कि शहर में खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है। वहीं खुले में डस्ट और रोडी बजरपुर को भी कवर नहीं किया जा रहा है।

पॉल्यूशन हुआ वैरी पुअर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकडों के अनुसार मेरठ का एयर पॉल्यूशन स्तर एक नवंबर की शुरुआत से बहुत खराब श्रेणी में चल रहा है। वहीं शनिवार को भी मेरठ का एयर क्वालिटी स्तर वैरी पुअर बना रहा। शनिवार को मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 रहा। हालांकि दीपावली के बाद से लगातार एक्यूआई 400 से अधिक चल रहा था।

शनिवार को एक्यूआई
मेरठ 327
मुजफ्फरनगर 331
हापुड 383
गाजियाबाद 441
ग्रेटर नोएडा 408
दिल्ली 437
बुलंदशहर 438
बागपत 334

10 विभागों पर जिम्मेदारी
प्रदूषण के स्तर को सुधारने के लिए 10 विभागों को जिम्मेदारी मिली थी। यह 10 प्रमुख विभाग एमडीए, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, आरटीओ, ट्रैफिक, कृषि आदि हैं।

इन पर लगे रोक
कूड़ा जलाने पर रोक
खुले में रोड़ी डस्ट बेचने पर रोक
फसलों के अवशेषों, पराली जलाने पर रोक
ईंट भट्ठों पर ईंधन के उपयोग पर निगरानी
टूटी सड़कों का निर्माण
पुराने वाहनों पर रोक
औद्योगिक इकाइयों के संचालन पर निगरानी
हॉट मिक्स प्लांट व जेनरेटर के प्रयोग पर रोक

कूड़े में आग लगाने के मामलों पर सुपरवाइजर नजर रखे हैं। वहीं रोड़ी डस्ट को भी कवर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। कई स्तर पर सड़कों की सफाई से लेकर पानी का छिड़काव तक कराकर धूल मिट्टी को उडऩे से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

वाटर स्प्रिंकलर से छिड़काव
वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए वाटर टैंकरों के साथ साथ नगर निगम ने अत्याधुनिक वाटर स्प्रिंकलर पानी का छिड़काव शुरु कर दिया है। इन वाटर स्प्रिंकलर के साथ ही एंटी स्मॉग गन भी जल्द शहर की सड़कों पर दिखाई देंगी। सहायक नगरायुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि तीन वाटर स्प्रिंकलर से वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा रहा है। छोटे टैंकर पानी के छिड़काव के लिए जुटे हैं। इसके अलावा जल्द एंटी स्मॉग गन भी मिलेगी।

3 वाटर स्प्रिंकलर का संचालन
वायु गुणवत्ता सुधार के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत मेरठ को आठ माह पहले 36 करोड़ की पहली किस्त मार्च माह में मिल गई थी। इसके तहत फिलहाल नगर निगम ने तीन वाटर स्प्रिंकलर वाहनों को खरीद लिया है। इसमें एनएच-58 समेत गढ़ रोड, सर्किट हाउस, कमिश्नरी चौराहा, कचहरी, विवि रोड, बेगमपुल से हापुड अडड़ा आदि रूटों पर वाटर स्प्रिंकलर का प्रयोग किया जा रहा है। शनिवार को गढ़ रोड पर राधा गोविंद से मेडिकल कालेज फिर तेजगढ़ी चौराहे तक स्प्रिंकलर का संचालन किया गया।

15 मीटर ऊंचाई तक छिड़काव
ये वाटर स्प्रिंकलर वाहन अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं। एक बार में एक वाटर स्प्रिंकलर टैंक में 6 हजार लीटर पानी भरा जा सकता है। वाहन में ऐसा स्प्रिंकलर है जिससे चारों तरफ पानी का छिड़काव किया जा सकता है। इसकी रेंज लगभग 15 मीटर ऊंचाई तक है। एक वाहन की कीमत लगभग 24.72 लाख रुपये है।

आठ माह पहले मिली थी किस्त
वायु गुणवत्ता सुधार के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत मेरठ को 36 करोड़ की पहली किस्त मार्च माह में मिल गई थी। करीब 72 करोड़ रुपये इस योजना में मिलने थे जिसमें वायु गुणवत्ता सुधार के सारे काम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार शहर में हरियाली विकसित करने, पौधारोपण, ग्रीन बेल्ट, ई बसों का विकास, एंटी स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकल मशीन आदि की खरीद होनी थी। इसमें से अभी वाटर स्प्रिंकलर और पौधारोपण समेत ग्रीन बेल्ट का काम शुरु हो चुका है जबकि एंटी स्मॉग गन आनी बाकी है।


ऐसे रोक रहे वायु प्रदूषण
सड़कों की धूल साफ करने को दो रोड स्वीपिंग मशीन और दो एंटी स्मॉग गन व स्प्रिंकलर मशीनें खरीदी जा चुकी है।

शहर के सभी मुख्य मार्गो की रोड पटरी पर इंटरलाकिंग व पौधरोपण किया जा रहा है।

ग्रीन बेल्ट का निर्माण, पौधारोपण व उसमें बाड़ लगाने के साथ ही बड़े साइज के गमले रखे जा रहे हैं।

शहर में ई-बसों के संचालन के लिए चार्जिग व मेंटीनेंस डिपो का निर्माण जारी है।