मेरठ (ब्यूरो)। शिव महापुराण कथा के छठे दिन आचार्य संतोष दास महाराज ने मां भगवती दुर्गा का चरित्र चित्रण किया। उन्होंने बताया कि काली लक्ष्मी सरस्वती स्वरुप कैसे भगवती ने धारण किया। उन्होंने बताया धरती पर जब -जब पाप बढ़ा है, महाकाली ने अवतार लिया और पापियों का संहार किया। उन्होंने कहा कि एक नारी मां दुर्गा, मां काली मां सरस्वती, मां लक्ष्मी आदि विभिन्न रूपों विभिन्न रूपों में होती हैं, लेकिन आपके देखने का नजरिया हैं आप उनको कैसे देखते है।
नारियों का सम्मान करें
अगर आप उनको सम्मान की दृष्टि से देखेंगे तो वो शांत स्वरुप में मुस्कुराती हुई साक्षात मां लक्ष्मी होती है। अगर आप बुरी नजर से देखेंगे तो वो मां काली के रूप भी धारण कर सकती है। सनातन धर्म में स्त्रियों को सम्मान का दर्जा दिया गया है, इसलिए आप सभी से निवेदन है बच्चों को सिखाए कि वो हर नारी को सम्मान की दृष्टि से देखे।
सामाजिक बातों पर डाला प्रकाश
कथा के दौरान आचार्य संतोष दास महाराज ने विभिन्न सामजिक विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीवन में सत्य बोलना पर दया विश्व कल्याण की भावना एवं हम पहले से सनातनी हिंदू हैं बाद में वर्ण और जाति है। उन्होंने कहा कि सनातन में जन्म से ही सबकी जीविका निर्धारित होती थी। उन्होंने सामाजिक बातों पर प्रकाश डालते हुए कोटिरुद्र संहिता में द्वादश ज्योतिर्लिंगों की विस्तृत कथा का वर्णन किया।
रुद्राभिषेक सम्पन्न कराया
उन्होंने शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र द्वारा भगवान नर्मदेश्वर का सहस्त्रार्चन एक हजार बिल्वपत्र व पुष्पो को अर्पित एवं रूद्राभिषेक सम्पन्न हुआ। कथा के दौरान भजन गायक स्वामी सुरेंद्र बुद्धिराजा ने शिव भोला भंडारी भजन गाया तो भक्तिमय माहौल बन गया।
12 को होगा भंडारा
इस अवसर पर आयोजक शोभा शम्मी सपरा ने बताया कि नौ अगस्त को विशाल भंडारे का आयोजन दोपहर 12 बजे मंदिर में किया जाएगा। मौके पर मुख्य रुप से मैनकाइंड के चेयरमेन रमेश जुनेजा व जुनेजा, परमानंद सपरा, सागर, आशिमा, शिवा सपरा, शैफाली, सौरभ रांचल, समर और सारा आदि मौजूद रहे।