मेरठ (ब्यूरो)। जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से गोदरेज द्वारा संचालित फेमिली हेल्थ इंडिया की एंबेड परियोजना के तहत कार्यकर्ता पिछले एक वर्ष से मलिन बस्तियों में डोर-टू-डोर जाकर लोगों को मच्छर जनित बीमारियों खासकर डेंगू और मलेरिया के प्रति सचेत कर रहे हैैं। बावजूद इसके संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत अब तक 152 मलिन बस्तियों के लगभग 10 हजार घरों में से 100 में लार्वा पाया गया है। वहीं अब तक लगभग 40 हजार कंटेनर में से 100 कंटेनर में लार्वा पाया गया है।
आपके घर में ही है लार्वा
इस परियोजना के कार्यकर्ता लोगों के घरों में जाते हैं और उनको डेंगू और मलेरिया के बारे में जागरूक करते हैैं। वह बीमारी के लक्षण और बीमारी से बचाव के तरीके भी बताते हैं। लोगों को यह भी बताते हैं कि घर में मच्छर कहां-कहां पैदा हो सकते हैं। बताते हैं कि फ्रि ज के पीछे की ट्रे, कूलर, गमलों, घर की छत पर पड़े हुए खाली बर्तनं, ड्रम में भरे हुए खुले पानी आदि में मच्छर का लार्वा पनपता है। कार्यकर्ता लोगों को लार्वा मिलने पर दिखाते भी हैं और अपने सामने ही उस कंटेनर की सफाई भी करवाते हैं।
हर रविवार मच्छर पर वार
परियोजना के तहत कार्यकर्ता स्कूलों में जाकर बच्चों को भी मच्छर जनित बीमारियों और उनसे बचाव की जानकारी देते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि हर रविवार मच्छर पर वार कार्यक्रम के तहत अपने घरों में साफ सफाई रखें। कहीं भी पानी न इक_ा होने दें, ताकि मच्छर न पनपें और डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सके। एंबेड कार्यकर्ता आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ में महिला आरोग्य समिति की मीटिंग भी कराते हैं और सामुदायिक बैठकों का आयोजन कर लोगों को जागरूक करते हैं। आशा कार्यकर्ताओं की कुशलता बढ़ाने के लिए उनको मच्छर जनित बीमारियों के बारे में प्रशिक्षण भी देते हैं।
31 जुलाई तक अभियान
जिला मलेरिया अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि जुलाई माह में एक से 31 तारीख तक संचारी रोग एवं दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया की जानकारी दी जा रही है। इसमें एंबेड परियोजना का काफी सहयोग मिला है। वह आशा कार्यकर्ताओं के साथ गृह भ्रमण भी कर रहे हैं और घरों में लार्वा चेक कर रहे हैं।