मेरठ (ब्यूरो)। भारत में किए गए एक सर्वे के अनुसार देश में 10.6 प्रतिशत भारतीय मानसिक बीमारियों से ग्रसित है और 197.3 मिलियन लोग मानसिक रोगों से पीडि़त है। जिसमे से 45.7 मिलियन लोग डिप्रेशन से और 44.9 मिलियन लोग एंग्जायटी से पीडि़त है। यानि मानसिक रोगों के मरीज भारत में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। जिसकी रोकथाम के लिए शुक्रवार को लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के सरदार वल्लभ भाई पटेल हॉस्पिटल स्थित जनरल ओपीडी और नगरीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केंद्र, सूरजकुंड मे मानसिक रोगो के प्रति जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया।
उपचार में देरी बड़ा कारण
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी वीडी पांडेय ने बताया कि मानसिक मरीजो में उपचार की देरी (ट्रीटमेंट गैप) का 85-96 प्रतिशत आंकड़ा है। जिसके प्रमुख कारण मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता का अभाव, स्टिग्मा, भेदभाव और गलत अवधारणा है। इस जागरुकता के लिए हॉस्पिटल में आए मरीजो को डॉ। नीलम सिद्धार्थ गौतम, सह आचार्य कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने मानसिक रोगों के लक्षण, उपचार एवं उनसे जुडी अवधारनाओं के बारे में बताया।
मानसिक रोगों के कारण
वहीं नगरीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केंद्र, सूरजकुंड में डॉ। संजीव कुमार, आचार्य कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने मानसिक रोगों के सभी कारणों पर चर्चा की और उनका समाधान भी बताया। कैंप का संपूर्ण आयोजन कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष एवं आचार्य डॉ। सीमा जैन के मार्गदर्शन में हुआ। कैंप में डॉ। अनिला और डॉ। सौरभ सहित अन्य डॉक्टर्स ने भी लोगों को मानसिक रोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। कैंप के अंत में लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के संतुष्टिपूर्वक जवाब दिए गए। प्रधानाचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने कैंप के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की सराहना की।