मेरठ (ब्यूरो)। न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के बाद एजुकेशन व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है। एनईपी देशभर के अधिकांश यूनिवर्सिटीज में लागू भी हो चुकी है। मगर अभी तक स्टूडेंट, टीचर व संस्थान तीनों में एनईपी के विभिन्न बिंदुओं को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसी समस्या के समाधान के लिए यूजीसी अब एनईपी सारथी बनाने की तैयारी में जुट गया है।
जरा समझ लें
दरअसल, स्टूडेंट्स अब एनईपी के ब्रांड एम्बेस्डर बनकर नए स्टूडेंट्स को एनईपी की जानकारी देंगे। इसके लिए यूजीसी ने एनईपी सारथी मुहिम शुरू की है। सारथी का अर्थ है स्टूडेंट्स एंबेस्डर फॉर एकेडमिक रिफॉम्र्स इन ट्रांसफोर्मिंग हायर एजुकेशन इन इंडिया। एनईपी सारथी के लिए देशभर से 300 स्टूडेंट्स का चयन किया जाएगा। इसके लिए सीसीएसयू से तीन और सभी संबंद्धित कॉलेजों से दो-दो स्टूडेंट्स के नाम भेजे जाएंगे। बाद में स्टूडेंट्स के माध्यम से एनईपी सारथी के दायरे को विस्तृत किया जाएगा।
ऐसे चुने जाएंगे एनईपी सारथी
यूजीसी ने यूनिवर्सिटी के वीसी से मांगा है स्टूडेंट्स का नाम
प्रत्येक यूनिवर्सिटी से अधिकतम तीन और कॉलेज से दो स्टूडेंट होंगे नामित
300 एनईपी सारथी चुने जाएंगे देशभर की यूनिवर्सिटीज से
चयनित सारथी को हाईब्रिड मोड में टे्रनिंग की जाएगी।
ये होगा एनईपी सारथी बनने का फायदा
यूजीसी एनईपी सारथी को सर्टिफिकेट देगा
यूजीसी के सोशल मीडिया हैंडल पर एनईपी सारथी को पहचान मिलेगी
यूजीसी द्वारा होने वाले कार्यक्रमों में सहभागिता रहेगी
यूजीसी न्यूजलेटर में आर्टिकल प्रकाशित कराने का मौका मिलेगा
एनईपी सारथी का क्या होगा काम
एंबेस्डर के रूप में सारथी एनईपी 2020 का प्रचार करेंगे
एनईपी 2020 को लेकर स्टूडेंट्स को जागरुक करेंगे
एनईपी 2020 के बारे में सारथी स्टूडेंट्स से लेंगे एनईपी पर फीडबैक
स्टूडेंट््स को गाइड करते हुए एनईपी का लाभ बताएंगे।
यूजीसी से इस संबंध में बातचीत चल रही है। जल्द ही स्टूडेंट्स के नाम भेजे जाएंगे। एनईपी सारथी को स्टूडेंट्स से जो फीडबैक मिलेगा उसके आधार पर एनईपी में सुधार भी किया जाएगा।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू