मेरठ (ब्यूरो)। करीब दो साल पहले चार करोड़ की लागत से भैंसाली बस डिपो का नवीनीकरण किया गया था। इस दौरान डिपो की सबसे पुरानी बिल्डिंग में भी 20-25 लाख रुपए का बजट खर्च कर मरम्मत का कार्य किया गया था। जबकि बिल्डिंग को तोडऩा पहले से ही तय था। इस बिल्डिंग में अधिकतर कार्यालय बने हुए हैं। अब पुरानी बिल्डिंग को ढहाए जाने का आदेश पारित हो गया है। समस्या यह है कि पुरानी बिल्डिंग में एआरएम डिपो समेत रोडवेज कर्मचारियों के कमरे बने हुए हैं जोकि बिल्डिंग टूटने के कारण खत्म किए जा रहे हैं। जबकि इनके लिए कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की गई है।

की गई थी मरम्मत
गौरतलब है कि साल 2016 में भैंसाली डिपो के नवीनीकरण का काम शुरू किया गया था। जिसके तहत शासन स्तर पर किश्तों में बजट मिलने के बाद बस स्टेशन के पूरे फर्श को ऊपर उठाकर सीसी टाइल्स से कवर किया गया था। इसमें बस डिपो की बाउंड्रीवॉल से लेकर डिपो में यात्री शेड, बस शेल्टर, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, पेय जल व्यवस्था आदि का काम कराया गया था। वर्ष 2020 में यह काम पूरा हो गया था। इसमें करीब चार करोड़ रुपए का खर्च आया था। खासबात यह है कि इस नवीनीकरण के दौरान ही डिपो परिसर में बनी कर्मचारियों की बिल्डिंग की भी मरम्मत की गई थी। इसमें बिल्डिंग के फर्श को ऊंचा करने से लेकर रंगाई पुताई और मरम्मत का काम किया गया था। अब भैंसाली बस स्टेशन परिसर में बनी इस एकमात्र सबसे पुरानी बिल्डिंग को भी तोड़ा जा रहा है।

नए बने नहीं पुराने तोडऩे की कवायद
पुरानी बिल्डिंग में एआरएम कार्यालय समेत कर्मचरियों के रेस्ट रूम, वेतन भोगी सहकारी समिति, एई बिल्डिंग का कार्यालय, टाइम कीपर कार्यालय, एमएसटी विभाग, स्पॉट चेकिंग विभाग, स्टेशन अधीक्षक कार्यालय, वरिष्ट केंद्र प्रभारी, रोडवेज परिषद कार्यालय, ईटीएम चार्जिंग रूम, एकाउंट विभाग आदि करीब 19 प्रमुख कार्यालय शामिल हैं। परेशानी यह है कि इन सभी कार्यालय को बस डिपो परिसर में अन्य जगह शिफ्ट किए बिना ही पुरानी बिल्डिंग तोड़ी जा रही है। इसलिए रोडवेज कर्मचारियों ने इस बिल्डिंग को तोडऩे का विरोध भी शुरू कर दिया है।

बस अड्ड़े का होगा विस्तार
आला अधिकारियों की मानें तो बस अड्डे में बसों के जाम की समस्या को कम करने के लिए पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर इस जगह पर रोडवेज बस डिपो में आने वाली बसों को खड़ा करने के लिए स्पेस बढ़ाया जाएगा। इस जगह पर बसों के शेल्टर बनेंगे और यात्रियों के शेडों को तैयार किया जाएगा। हालांकि इस कार्यालय को कहां शिफ्ट किया जाएगा। यह अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है। इस बिल्डिंग के टूटने से चालक परिचालकों के रेस्ट रूम तक खत्म हो जाएंगे।

वर्जन
यह पुराना प्रस्ताव था। बस डिपो में जगह की कमी को दूर करने के लिए यह बिल्डिंग तोड़ी जा रही है। मुख्यालय स्तर से इसका टेंडर हो चुका है। जो कार्यालय इस बिल्डिंग में बने हैं, उनको वर्कशॉप की जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
-केके शर्मा, आरएम रोडवेज