मेरठ (ब्यूरो)। सर्किट हाऊस में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ। हिमानी अग्रवाल व मनीषा अहलावत ने संयुक्त रूप से महिलाओं से संबंधित मामलों में जनसुनवाई की। इस दौरान उनके पास कुल 22 शिकायतें पहुंची। जिसपर सदस्यों ने संबंधित अधिकारियों को को प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि सभी अधिकारी महिलाओं की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर करें। सुनवाई में 20 प्रकरण पुलिस विभाग, एक प्रकरण विकास प्राधिकरण तथा एक प्रार्थना पत्र सरधना तहसील में जमीन विवाद का पहुंचा।
महिलाएं खुलकर रखें अपनी बात
जन सुनवाई के दौरान मनीषा अहलावत ने पुलिस अधिकारियों को महिला उत्पीडन से संबंधित घटनाओं का संज्ञान प्राथमिकता पर लेते हुये त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने महिलाओं से भी कहा कि वह खुलकर अपनी बात राज्य महिला आयोग की सदस्यों के सामने रखें। उन्होंने यह भी कहा कि पीडि़त महिलाओं के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। संबंधित विभागीय अधिकारी महिलाओं को सरकारी कार्यक्रम व योजनाओं से जोडकर लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।
महिलाओं को दी जाए प्राथमिकता
महिला आयोग की सदस्यों ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए। अलग-अलग तरह की लाभार्थीपरक योजनाओं से महिलाओं का जोड़ा जाए। जिससे महिलाओं को सशक्त किया जा सके। इसके साथ ही उनकी आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके। इस मौके पर जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार, श्रम विभाग घनश्याम सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी, जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार, समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह, महिला थाना प्रभारी आदेश कोर, वन स्टॉप सेंटर मैनेजर विनीता, महिला कल्याण की टीम,डीसीपीओ सहित संबंधित विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।