मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि गत सप्ताह लखनऊ में एसटीएफ ने नकली पैक्ड ब्लड की खेप बरामद की थी। इस ब्लड की जांच में मिलावट मिलने पर गैंग के आरोपियों से एसटीएफ ने पूछताछ की तो कई तथ्य सामने आए। जिसके बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं मेरठ के ब्लड बैंक भी स्वास्थ्य विभाग की रडार पर आ गए हैं। ड्रग विभाग की तरफ से जनपद के सभी 18 ब्लड बैंक को नोटिस जारी कर ब्लड स्टॉक से संबंधित सारी जानकारी मांगी गई है। इसमें सभी ब्लड बैक आर्नर से कहा गया है कि स्टॉक में जितना यूनिट ब्लड है, उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी, जैसे कि ब्लड किस माध्यम से एकत्र किया गया है। इसके साथ ही ब्लड बैंक की रेंडम चेकिंग भी ड्रग विभाग ने शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो लखनऊ में पकड़े गए आरोपियों का नेटवर्क पश्चिमी उप्र के ब्लड बैंकों तक भी फैला हुआ था।

हर जिले में दो एजेंट
ड्रग विभाग को मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ में पकड़े गए गैंग ने प्रदेश के हर जिले में दो एजेंट तय किए हुए थे। ये एजेंट मरीजों की जरुरत के हिसाब से ब्लड की डिमांड भेजते हैं। डिमांड पर यह ब्लड राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे जनपदों से मंगाया जाता है। एजेंट आसपास के प्रदेशों के चैरिटेबल ब्लड बैंकों के जरिए कैंप लगाकर खून एकत्र करते और मिलावट कर दोगुना करने के बाद ऑन डिमांड बेच देते थे। इन खून के थैलों की ब्लड बैंक के दस्तावेजों में एंट्री नहीं की जाती थी। ब्लड बैंकों की डिमांड पर खून के बैग्स को 700-800 रुपए की कीमत पर सप्लाई किया जाता था। आरोपी थैलों पर डोनर का नाम, एक्सपायरी डेट और ब्लड ग्रुप भी नहीं लिखते थे।

स्लाइन वाटर की मिलावट
सूत्रों की मानें तो तस्करी किए गए खून के थैलों में किसी भी ब्लड बैंक का लेबल नहीं होता है। इस ब्लड में स्लाइन वॉटर मिलकर मात्रा को दोगुना कर दिया जाता है। मिलावट के बाद इस खून को महंगे दामों पर ब्लड बैंक में सप्लाई कर दिया जाता है। जबकि खून में स्लाइन वॉटर मिलाने से खून मरीज के लिए बेहद खतरनाक हो जाता है। इससे मरीज के शरीर में इंफेक्शन फैल सकता है। वहीं मरीज की हार्ट फेल होने की वजह से जान भी जा सकती है।

मुख्यालय स्तर से जनपद स्तर के सभी ब्लड बैंक को नोटिस जारी कर पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है। साथ ही हमारी टीम ने ब्लड बैंक की रेंडम चेकिंग भी शुरू कर दी है। बागपत रोड स्थित एक ब्लड बैंक की गत दिनों चेकिंग कर स्टॉक की जांच की गई थी। आमजन से यह अपील है कि ब्लड पैक पर लिखी पूरी जानकारी की पुष्टि करने के बाद ही ब्लड यूज में लें।
पीयूष शर्मा, औषधि निरीक्षक