आई एक्सक्लूसिव
-पीवीवीएनएल ने बनाया मास्टर प्लान
-एलईडी से दूर होगा पावर क्राइसेस
Mohit sharma
Meerut शहर में बिजली की डिमांड और सप्लाई की खाई को पाटने में जूझ रहे ऊर्जा निगम ने अब नया गणित बैठाया है। नए फार्मूले के मुताबिक पीवीवीएनएल एलईडी उपकरणों के माध्यम से 400 मेगावाट बिजली बचाएगा। यहीं नहीं बिजली की इस बचत में घरेलू उपभोक्ताओं को भी अच्छा खासा फायदा होगा।
डिमांड एंड सप्लाई
दरअसल, वर्तमान समय में बिजली की डिमांड 800 मेगावाट है, जबकि डिमांड के सापेक्ष बिजली की उपलब्धता केवल 400 मेगावाट ही है। ऐसे में शहर में बिजली का बड़ा क्राइसेस बना रहता है। और शहरवासी आए दिन बिजली की समस्या को लेकर हो-हल्ला करते रहते हैं। अब विभाग ने एलईडी एनर्जी सेविंग से डिमांड एंड सप्लाई के फर्क को काफी हद तक पाटने का फार्मूला त्यार किया है।
पीवीवीएनएल का नया प्लान
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम मेरठ समेत चौदह जिलों में उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब दे रहा है। पश्चिमांचल ने इन बल्बों की संख्या 70 लाख रखी गई है। इसके अंतर्गत 7 वाट और 9 वाट के एलईडी बल्ब वितरित किए जा रहे हैं। जिसमें 50 लाख एलईडी 7 वाट और 20 लाख 9 वाट की दी जानी है।
ऐसे बचेगी बिजली
असल में 7 वाट का एलईडी बल्ब 60 वाट की सीएफएल का विकल्प है। इस तरह से एक एलईडी बल्ब 53 वाट बिजली बचाता है। पीवीवीएनएल को ये एलईडी 50 लाख की संख्या में बांटनी है। इस हिसाब से 2,65,000 किलोवाट बिजली की बचत होती है, जिसको 265 मेगावाट बिजली में काउंट किया जाता है। अकेले 7 वाट की एलईडी ही 265 मेगावाट बिजली बचाती है। वहीं दूसरी ओर 9 वाट की एलईडी घर में लगी 75 वॉट की सीएफएल का विकल्प है। इस हिसाब से 9 वाट की एलईडी 66 वाट बिजली की बचत करता है। जबकि विभाग 9 वाट की 20 लाख एलईडी वितरित करेगा। जिसके हिसाब से 9 वाट से 1,32,000 किलोवाट बिजली बचती है। जो 132 मेगावाट का आंकड़ा पकड़ती है।
बॉक्स
एनर्जी सेविंग का फार्मूला
- 7 वाट एलईडी
60 वाट-7 वाट = 53 वाट
53 वाट*50 लाख वाट = 26 करोड़ 50 लाख वाट
26 करोड़ 50 लाख वाट / 1000 = 26 लाख 50 हजार किलोवाट
26 लाख 50 हजार /1000 = 265 मेगावाट
-9 वाट एलईडी
75 वाट-9 वाट = 66 वाट
66 वाट*20 लाख वाट = 13 करोड़ 20 लाख वाट
13 करोड़ 20 लाख /1000 = 13 लाख 20 हजार किलोवाट
13 लाख 20 हजार /1000 = 132 मेगावाट
कुल एनर्जी सेविंग
265+132 = 397 मेगावाट
81 करोड़ की बचत
विभाग के आंकड़ों की मानें तो 7 वाट की एलईडी से प्रति वर्ष 162 रुपए की बचत होती है। इस हिसाब से 50 लाख एलईडी से बचत का यह आंकड़ा 81 करोड़ रुपए बैठता है। जबकि 9 वाट की एलईडी से उपभोक्ताओं के 30 करोड़ से अधिक बिल की बचत होगी।
एलईडी उपकरणों से काफी हद तक बिजली की कमी को पूरा किया जाएगा। इसके लिए जन जागरुकता बहुत जरूरी है। अब तक एलईडी वितरण का अनुभव बेहतर रहा है।
-अभिषेक प्रकाश सिंह, एमडी पीवीवीएनएल