लखनऊ (ब्यूरो)। बैठक में राईटर कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्हें प्राधिकरण से लगभग 1 लाख 25 हजार फाइलें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 1 लाख 22 हजार फाइलें स्कैन कर प्राधिकरण को वापस कर दी गई हैैं। वहीं, प्राधिकरण के रिकॉर्ड के मुताबिक राईटर कंपनी को 1 लाख 45 हजार 449 फाइलें उपलब्ध करायी गई थीं। दोनों के रिकॉर्ड में भिन्नता मिलने पर वीसी ने उप सचिव माधवेश कुमार को निर्देशित किया कि प्राधिकरण द्वारा कंपनी को दी गयी फाइलों का पावती सहित पूर्ण विवरण तैयार करा लिया जाए।
दो दिन में उपलब्ध कराएं
इसी तरह राईटर कंपनी ने जो फाइलें प्राधिकरण को दी हैं, उनका पावती सहित सम्पूर्ण विवरण दो दिन में उपलब्ध कराया जाए। जिसके बाद फाइलों का मिलान होगा। वीसी ने कहा कि राईटर कंपनी द्वारा उपलब्ध करायी गयी फाइलों को मिलान कराते हुए सुनियोजित तरीके से संरक्षित किया जाना है। इसके लिए उन्होंने राईटर कंपनी को अपने दो-दो कंप्यूटर ऑपरेटर गोमती नगर और लालबाग स्थित रिकॉर्ड अनुभाग में बारकोड रीडर समेत तैनात करने के निर्देश दिये हैं।
पत्रावलियां काफी पुरानी
वीसी ने कहा कि नजूल और ट्रस्ट अनुभाग की पत्रावलियां काफी पुरानी हैं, जिनमें दीमक आदि लगने का खतरा रहता है इसलिए नियमित रूप से पेस्ट कंट्रोल की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त लालबाग कार्यालय के रिकॉर्ड अनुभाग में बड़े स्तर पर फाइलों को व्यवस्थित करने का कार्य किया जाना है। इसके लिए वहां 15 दिनों के लिए 10 लिपिक एवं 10 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा गोमती नगर स्थित कार्यालय के रिकॉर्ड अनुभाग में 7 लिपिक व 7 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से संबद्ध किया जाए। बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, प्रोग्रामर एनालिस्ट राघवेन्द्र मिश्रा, विशेष कार्याधिकारी अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।