लखनऊ (ब्यूरो)। शहरवासियों को जल्द ही शहीद पथ पर लगने वाले जाम की समस्या से राहत मिलने जा रही है। इसकी वजह यह है कि शहीद पथ को एलिवेटेड बनाने के लिए जनवरी 2024 से काम शुरू होने जा रहा है। जबकि अगले माह इस कार्य के लिए शिलान्यास किया जाना प्रस्तावित है फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य को रफ्तार मिलती नजर आएगी।

कार्ययोजना हो चुकी है तैयार

शहीद पथ को एलिवेटेड बनाने के लिए कार्ययोजना बनकर तैयार हो चुकी है। पहले प्लानिंग यह की गई थी कि शहीद पथ का चौड़ीकरण किया जाएगा, लेकिन स्पेस की प्रॉब्लम सामने आने के बाद इसे एलिवेटेड किए जाने संबंधी कार्ययोजना तैयार की गई और इसे स्वीकृति भी मिल गई। जिसके बाद इस दिशा में कार्ययोजना तैयार की गई है और अब निर्माण कार्य को मूर्त रूप देने के लिए कदम आगे बढ़ा दिए गए हैैं।

अगले माह तक शिलान्यास

सांसद प्रतिनिधि की माने तो अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक एलिवेटेड कार्य के लिए शिलान्यास किया जाएगा और इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया में कंपनी के नाम पर मुहर लगने के बाद एलिवेटेड वर्क शुरू कर दिया जाएगा। शहीद पथ के एलिवेटेड होने के बाद यहां से गुजरने वाले लोगों को एक तो जाम की समस्या से राहत मिल जाएगी साथ ही आए दिन होने वाले हादसों के ग्राफ में भी कमी आएगी। इतना ही नहीं, कानपुर से रोड से अयोध्या रोड की कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो जाएगी। इसके साथ ही एयरपोर्ट कनेक्टिविटी भी और बेहतर होगी।

लंबे समय से जरूरत

गुजरते वक्त के साथ शहीद पथ पर व्हीकल लोड चार से पांच गुना तक बढ़ गया है। ऐसे में शहीद पथ को एलिवेटेड बनाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। दरअसल, कानपुर या अन्य शहरों की तरफ से आने वाले लोगों को राजधानी के ट्रांसगोमती एरिया में जाना होता है तो वे शहीद पथ का ही यूज करते हैैं। इसके साथ ही शहीद पथ पर हैवी व्हीकल मूवमेंट भी होता है। रात के वक्त अक्सर शहीद पथ के तीन से चार प्वाइंट पर जाम की समस्या भी सामने आती है, जिसकी वजह से लोग परेशान होते हैैं। जब 17 किमी लंबा एलिवेटेड रूट तैयार हो जाएगा तो लोगों का काफी समय भी बचेगा।

दिसंबर 24 तक भर सकेंगे रफ्तार

अब अगर कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस-वे की बात की जाए तो अगले साल दिसंबर तक ही इसके पूरा होने की संभावना है। पहले यह प्रयास किया जा रहा था कि बनी तक पहले रूट को चालू कर दिया जाए, लेकिन अब जो निर्णय लिया गया है, उससे साफ है कि पूरे एक्सप्रेस-वे को एक साथ ही पब्लिक के लिए खोला जाएगा। खास बात यह भी है कि जिन लोगों को कानपुर जाना होगा, वो तो सीधे इस एक्सप्रेस-वे का यूज कर सकेंगे लेकिन अगर किसी को लखनऊ-कानपुर के बीच किसी गांव में या और कहीं जाना है तो उन्हें पुराने हाईवे का ही यूज करना होगा। इसका कारण यह है कि कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पिलर्स पर बन रहा है, ऐसे में किसी कट की कोई गुंजाइश ही नहीं है।

वित्तीय स्वीकृति का इंतजार

चारबाग से मेडिकल कॉलेज तक प्रस्तावित फ्लाईओवर का टेक्निकल सर्वे तो करा लिया गया है, लेकिन अभी वित्तीय स्वीकृति मिलना बाकी है। इस वजह से अभी फिलहाल इस फ्लाईओवर का काम शुरू नहीं होगा। वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद और चिन्हित रूट पर व्याप्त अतिक्रमण की समस्या को हटाए जाने के बाद ही फ्लाईओवर निर्माण का कार्य शुरू किया जा सकेगा।

जनवरी तक शुरू होगा फ्लाईओवर

अब अगर खुर्रमनगर से सेक्टर 25 इंदिरानगर और मुंशी पुलिया से पॉलीटेक्निक तक बन रहे फ्लाईओवर की बात की जाए तो अगले साल जनवरी तक ही दोनों शुरू हो पाएंगे। हालांकि, दोनों फ्लाईओवर का काम तेजी से चल रहा है लेकिन इन्हें इसी साल दिसंबर तक ही पूरा किया जा सकेगा। सेक्टर 25 इंदिरानगर फ्लाईओवर का विस्तार हुआ है, ऐसे में इस फ्लाईओवर के शुरू होने में थोड़ा अधिक समय लगने की संभावना है। हालांकि, निर्माण एजेंसियों का दावा है कि अगले साल के शुरूआती महीनों में ही दोनों फ्लाईओवर का काम पूरा कर लिया जाएगा।