-कार्य परिषद के आदेशों को भी नहीं मानते केजीएमयू के अधिकारी

-चल रहा चहेते कर्मचारियों को गलत रूप से फायदा पहुंचाने का खेल

LUCKNOW:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दो अगस्त को हुई कार्य परिषद की बैठक में कर्मचारियो को वर्षो से दिए जा रहे ओवरटाइम पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन रोक के बावजूद केजीएमयू में चहेते कर्मचारियों को ओवरटाइम का भुगतान जारी है। शनिवार को करीब 40 कर्मचारियों को उनके खाते में पांच हजार से लेकर 20 हजार रुपए ओवरटाइम ड्यूटी के एवज में भेजे गए।

शासन ने लगाई थी रोक

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पिछले वर्ष ऑडिट सेल ने कर्मचारियों को बांटे जा रहे ओवरटाइम पर आपत्ति लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि शासन ने रोक लगाई है तो साढ़े सात लाख रुपए का भुगतान ओवरटाइम के रूप में क्यों किया गया। इसके बाद पिछले माह दो अगस्त को हुई कार्य परिषद की बैठक में ऑडिट ऑब्जेक्शन के मामले को रखा गया, जिसमें कार्यपरिषद ने निर्णय लिया कि सरकार में जब ओवरटाइम देने का कोई नियम ही नहीं है इसलिए केजीएमयू में भी ओवरटाइम पर रोक लगाई जाती है। कार्यपरिषद के मिनट्स को भी केजीएमयू की वेबसाइट पर जारी किया गया। जिसमें ये जानकारी साफ लिखी है।

40 को दिया भुगतान

रोक के बावजूद शनिवार को केजीएमयू के करीब 40 कर्मचारियों के खाते में पांच हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक का भुगतान ओवरटाइम के एवज में किया गया। कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी की लहर है, लेकिन जिन कर्मचारियों को पैसा नहीं दिया गया उनमें नाराजगी भी है। कर्मचारियों का कहना है कि ओवरटाइम का भुगतान सभी के लिए होना चाहिए न कि कुछ चहेते लोगों के लिए।

कोट--

ओवरटाइम पर रोक लगाई जा चुकी है। पेमेंट के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। सोमवार को वित्त नियंत्रक से जानकारी मांगी जाएगी।

राजेश कुमार राय, रजिस्ट्रार केजीएमयू