लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू वह संस्थान है जहां टीचर्स और स्टूडेंट्स एक हैं। आपने काफी मेहनत, त्याग और लंबा इंतजार किया है इस लम्हे के लिए। आपके परिवार के लोग आपकी इस सफलता को देखकर आज बेहद खुश हो रहे होंगे। आप मानवता की सेवा ही नहीं करेंगे बल्कि समाज और मेडिकल क्षेत्र को आगे ले जाने का काम करेंगे। अपने अंदर उत्सुकता बनाकर रखें। ये बातें वीसी प्रो। सोनिया नित्यानंद ने मंगलवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर में एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों के इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान कहीं।
रैगिंग की तुरंत करें शिकायत
प्रोग्राम के दौरान चीफ प्रॉक्टर डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव ने बताया कि केजीएमयू में रैगिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। आप बिना किसी खौफ के पढ़ाई करें। यदि कोई आपको परेशान करता है, तो बिना किसी से डरे उसकी शिकायत हेल्प लाइन नंबर, ई-मेल और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम से कर सकते हैं। रैगिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रैगिंग से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रॉक्टोरियल बोर्ड में 19 सदस्य 24 घंटे रैगिंग रोकने को तैयार हैं। इसके अलावा हॉस्टल के वार्डन और सुरक्षा गार्डों की टीम भी है। इनकी निगरानी में छात्र हॉस्टल से क्लासरूम तक आएंगे-जाएंगे। सुरक्षा गार्डों की टीम तीन माह तक नए मेडिकल छात्रों के संग रहेगी। परिसर में हॉस्टल से क्लास तक 15 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
अनजान फोन कॉल को रिकार्ड करें
डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव ने आगे बताया कि यदि कोई बिना पहचान का फोन आ रहा है तो उसे उठाने से बचें। यदि उठा लिया और वह अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है, डरा-धमका रहा है तो उसकी रिकॉर्डिंग कर लें। उसे तुरंत प्रॉक्टोरियल बोर्ड या फिर वार्डन के मोबाइल पर भेज दें। फोन करके यदि कोई बुला रहा है तो भी जाने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा कर्मियों को उसकी जानकारी दें, ताकि समय रहते कार्यवाही की जा सके। इस दौरान वीसी प्रो। सोनिया नित्यानंद, प्रो-वीसी डॉ। विनीत शर्मा, डीन एकेडमेक्सि प्रो। अमिता जैन आदि मौजूद रहे।
वाइट कोट सेरेमनी हुई
प्रोग्राम के दौरान केजीएमयू के नियम व कायदे-कानून के बोर में विस्तार से बताया गया। इसके बाद सभी छात्रों को महर्षि चरक शपथ दिलाई गई। जिसके बाद वाइट कोट सेरेमनी का आयोजन किया गया। जिसमें सभी छात्रों ने वाइट कोट पहना। इस दौरान वहां बैठे छात्रों के परिजनों के चेहरों पर खुशी और गर्व देखते ही बन रहा था।
मां से मिली प्रेरणा
मेरा बड़ा भाई डेंटल की पढ़ाई कर रहा है। वहीं, मेरी अम्मी भी लगातार गरीबों की सेवा और भलाई के काम करने के लिए मुझे आगे बढ़ाती रहीं। उसी को देखते हुए प्रेरणा आई कि मुझे भी मेडिकल फील्ड में आकर समाज सेवा करनी चाहिए। मुझे तीसरी बार में सफलता मिली है। परिवार वाले मेरे लिए बहुत खुश हैं।
-आलिया आलम
अपनों के लिए करना है काम
मैं राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला हूं। वहां पर मेडिकल सुविधा के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं है। इसी को देखते हुए मन में ठान लिया था कि आगे चलकर मुझे डॉक्टर बनना है, ताकि अपने शहर वालों को बेहतर मेडिकल सुविधा दे सकूं। केजीएमयू में एडमीशन पाकर बहुत खुशी हो रही है।
-आशीष कुमार
घर की पहली डॉक्टर बनूंगी
दूसरी बार में सफलता मिली है। मैं परिवार का पहला सदस्य होने वाला हूं, जो डॉक्टर बनेगा। बलिया से यहां पर आया तो शपथ ग्रहण देखने के लिए मौसी, मौसा, बड़े पापा के साथ भैया भी आए हैं। नई जिम्मेदारी का एहसास हो रहा है। आगे चलकर अपने जिले के लोगों की सेवा करनी है, ताकि उनको इलाज के लिए कहीं और न जाना पड़े।
-विवेक कुमार सिंह
दूसरी बार में मिली सफलता
मुझे दूसरी बार में सफलता मिली। मेरे परिवार में दूसरी पीढ़ी में डॉक्टर बनेगा। 12वीं मैंने मैथ से की थी, लेकिन, बाद में 12वीं सिंगल सब्जेक्ट बायो में दिया। मैं संत कबीर नगर का हंू। मन लगाकर पढ़ाई करना और आगे बढ़ना ही मेरा लक्ष्य है। डॉक्टर बनने की प्रेरणा मुझे परिवार से मिली है। मेरे फादर सर्वजीत एक किसान हैं।
-अमित कुमार