- गवर्नर राम नाईक ने किया उत्तराखंड महोत्सव का उद्घाटन
LUCKNOW (31 March):
गोमती तट पर पं। गोविंद बल्लभ पंत, पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में उत्तराखंड महोत्सव का शुभारम्भ गुरुवार को हुआ। महोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल राम नाईक ने देव भूमि उत्तराखण्ड दर्शन की झांकी व गंगा गोमती आरती के साथ द्वीप जलाकर किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति हमारे लिए विशेष स्थान रखती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर डॉ। दिनेश शर्मा ने की।
झांकी ने मोहा मन
उत्तराखण्ड महोत्सव मुख्य आर्कषण साज सज्जा, आकर्षक स्टेज, परम्परागत परिधान में नृत्य करते छोलिया ने सभी का मन मोह लिया। इसके साथ ही विभिन्न प्रांतों की मनमोहक प्रस्तुतियां, आधुनिकतम झूले, 200 से अधिक स्टाल आकर्षण का केंद्र रहे।
दस दिनों तक चलेगा महोत्सव
दस दिनों तक चलने वाले महोत्सव में पर्वतीय संस्कृति के साथ-साथ विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृतियों का सुंदर समन्वय दर्शकों को देखने को मिलेगा। महापरिषद के महासचिव हरीश चन्द्र पंत ने बताया कि महोत्सव में न सिर्फ पर्वतीय समाज के लोगों का बल्कि बड़ी संख्या में लखनऊ के आस-पास के क्षेत्रों से आने वाले दर्शकों की उपस्थिति रहेगी।
लोक संस्कृति का अद्भुत नजारा
सांस्कृतिक कार्यकमों में कामना बिष्ट और कीर्ति बिष्ट ने गणपति वंदना गायी। वहीं सुमन नौटियाल के निर्देशन में विकास नगर अलीगंज क्षेत्र की महिलाओं ने झोड़ा जिसके बोल, राणीखेता तूणी को बोटा, सरपंचा मेरी पधानी का गाकर सबका मन मोहा। मीनू सक्सेना के निर्देशन में सरोज खान डांस अकादमी के कलाकारों ने गणेश वंदना गजानना-गजानना से समां बांध दिया.
उड़ीसा के कलाकारों ने बांधा समां
कलाकारों के उड़ीसा का लोक संस्कृति से जुड़ा ढाप नृत्य अत्यन्त ही सराहा गया। यह नृत्य उड़ीसा के आदिवासियों द्वारा प्रसन्न होकर जंगलों में किया जाता है। इस नृत्य को स्थानीय भाषा में डंगर नृत्य कहा जाता है। उड़ीसा के दल ने लखनऊ में अनेक अनूठी प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी।
रंगोली ने दर्शकों को लुभाया
उत्तराखंड महापरिषद की महिला शाखा की राधा बिष्ट, हेमा बिष्ट, सुनिता कनवाल, सीमा नेगी, अनिता वर्मा ने महोत्सव स्थल पर पर्वतीय शैली की रंगोली का सुन्दर दृश्य चित्रण किया गया। जिसका अतिथि एवं दर्शकों ने सराहा। यह ऐपण शुभ अवसरों एवं त्योहारों पर घर के द्वार देहरी पर बनायी जाने वाली पौराणिक विद्या ऐंपण कहलाती है।