- 24 जुलाई को नीट-2 एग्जाम, सीएम ने दी हरी झंडी

- एमबीबीएस-बीडीएस में इसी नई व्यवस्था से होगा प्रवेश

- बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, सहित सभी पड़ोसी राज्य पहले से नीट के साथ

LUCKNOW: यूपी के सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस में एडमिशन अब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) से होंगे। बुधवार को सीएम अखिलेश यादव ने नीट को हरी झंडी देकर सीपीएमटी पर विराम लगा दिया है। नीट-2 का पेपर 24 जुलाई को होना है जिसके लिए अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, सीपीएमटी का फॉर्म जिन अभ्यर्थियों ने भरा था उनका शुल्क वापस किया जाएगा।

खत्म हुआ असमंजस

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'नीट' की अनिवार्यता के आदेश के बाद प्रदेश के सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस कक्षाओं में एडमिशन के लिए 17 मई को प्रस्तावित सीपीएमटी की परीक्षा पहले ही निरस्त की जा चुकी थी। स्टूडेंट्स का शुल्क वापस करने के भी आदेश हो चुके हैं। मगर इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को संचालित कॉलेजों के लिए 'नीट' या अपनी प्रवेश परीक्षा में से एक चुनने का विकल्प दिये जाने के बाद पिछले एक सप्ताह से लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इसी क्रम में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने 25 मई को नीट के पक्ष में तमाम तर्को के साथ सीपीएमटी की संभावनाओं का भी आकलन करते हुए एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था। इस पर सीएम अखिलेश यादव ने बुधवार को मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए मुख्यमंत्री ने नीट को हरी झंडी दे दी।

इन राज्यों में है लागू

बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, सहित सभी पड़ोसी राज्य पहले से ही नीट के साथ जाने का फैसला कर चुके थे। प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ। अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश 'नीट' के माध्यम से ही होंगे। अब सीपीएमटी-2016 का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो गया है। होम्योपैथी व आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अलग परीक्षा होगी।

--

नीट से भरी जाएंगी 6500 सीटें

सरकार के इस फैसले के बाद अब 'नीट' से प्रदेश की लगभग 6500 एमबीबीएस व बीडीएस सीटें भरी जाएंगी। यूपी में चल रहे केजीएमयू सैफई सहित 13 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1860 सीटें हैं। इनमें से बांदा मेडिकल कॉलेज इसी साल शुरू होगा जिसमें 100 सीटे होंगी। वहीं, सरकारी कॉलेजों में में एकमात्र केजीएमयू में बीडीएस की 100 सीटें हैं जो अब नीट से भरी जाएंगी। इसके अलावा निजी कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस की 4540 सीटें हैं जिनमें इस नई व्यवस्था से एडमिशन मिलना है।

85 परसेंट ही स्टेट का कोटा

नीट से एडमिशन में भी प्रदेश के स्टूडेंट्स का कोटा पूर्व की भांति बना रहेगा। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पहले की तरह ही ऑल इंडिया रैंकिंग के द्वारा 15 परसेंट सीटें भरी जाएंगी जबकि 85 परसेंट सीटे स्टेट रैंकिंग के जरिए भरी जाएंगी। यानी 85 परसेंट सीट सिर्फ यूपी के स्टूडेंट्स के लिए ही पहले की तरह बनी रहेंगी।

---

करें आवेदन, 24 जुलाई को नीट-2

सिर्फ सीपीएमटी में फॉर्म भरने वाले छात्र और ऐसे छात्र जो सीबीएसई की ऑल इंडिया पीएमटी में प्रवेश परीक्षा में भाग नहीं ले पाए थे या पेपर नहीं दे सके थे या जिनका पेपर खराब हो गया था वे भी 24 जुलाई को प्रस्तावित नीट-2 के लिए आवेदन कर सकते हैं। सीबीएसई ने नीट-2 के लिए आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं।

---

डेढ़ लाख ने भरा था सीपीएमटी

17 मई को प्रस्तावित सीपीएमटी के लिए प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। इनके प्रवेश पत्र डाउनलोड करने की प्रक्रिया शुरू ही हुई थी कि परीक्षा निरस्त कर दी गयी। परीक्षा का जिम्मा फैजाबाद के डॉ। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पास था। शासन के निर्देश पर जल्द ही स्टूडेंट्स की फीस वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सीपीएमटी के लिए जनरल और ओबीसी वर्ग के कंडीडेट्स ने 1400 और एससी व एसटी कैटेगरी के छात्र छात्राओं ने 700 रुपये परीक्षा शुल्क जमा कराया गया था।

आयुष की अलग परीक्षा

आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व यूनानी कालेजों में बीएएमएस, बीएचएमएस व बीयूएमएस कोर्सेज में एडमिशन के लिए अलग से संस्था नामित कर प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी। अब आयुष प्रवेश परीक्षा नीट-2 के बाद ही होने की उम्मीद है। इस परीक्षा से सरकारी कालेजों में आयुष पाठ्यक्रमों की आठ सौ सीटें भरी जाएंगी।