लखनऊ (ब्यूरो)। अटकलों, अफवाहों और आशंकाओं के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती परीक्षा का पहला दिन शांतिपूर्वक गुजरा। राजधानी के 81 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में हुई परीक्षा में जीके और मैथ्स में पूछे गए सवालों ने अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ा दीं, वहीं रीजनिंग के सवालों को देख अभ्यर्थी खुश नजर आए। दोनों पालियों में कुल 78,144 में केवल 56,674 अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए। इस तरह 21,470 अभ्यर्थियों ने परीक्षा ही नहीं दी।
हर कदम पर हुई चेकिंग
परीक्षा के दौरान केंद्रों के अलावा रेलवे स्टेशन से लेकर बाजार व शाङ्क्षपग मॉल तक में पुलिस मुस्तैद रही। डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि पहली पाली में 39,072 अभ्यर्थियों में से 10,957 और द्वितीय पाली में भी इतने ही अभ्यर्थियों में से 10,513 अभ्यर्थी शामिल नहीं हुए। किसी केंद्र पर गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली। कानून व्यवस्था बनाए रखने और उपद्रवी तत्वों से निपटने के लिए सभी केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था। इसके अलावा प्रत्येक केद्र पर एक-एक मजिस्ट्रेट तैनात था। सुबह सात बजे से ही पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लग गई थी। अभ्यर्थियों की बायोमीट्रिक जांच के बाद ही केंद्रों में प्रवेश दिया गया। शुक्रवार के बाद अब 24, 25, 30 और 31 अगस्त को परीक्षा होनी है।
रेलवे स्टेशन-बस अड्डों पर भीड़
परीक्षा समाप्त होने के बाद जब अभ्यर्थी अपने अपने घरों की ओर लौटे तो रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर खासी भीड़ जमा हो गई। स्टेशन रोड पर जाम की स्थिति बनी रही। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस के जवान भी जाम की समस्या से निपटने के लिए डटे नजर आए। मेन रोड पर जाम लगने की वजह से राहगीरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अधिकारी अलर्ट मोड पर रहे
डीजीपी प्रशांत कुमार और डीएम सूर्यपाल गंगवार ने यूनिवर्सिटी समेत कई परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। डीएम ने परीक्षा केंद्रों में बने सीसीटीवी कंट्रोल रूम भी देखा और दिशा निर्देश जारी किए। परीक्षा केंद्रों के आसपास भी पुलिस कर्मी मुस्तैद नजर आए। परीक्षा केंद्रों के आसपास सभी दुकानें बंद रहीं। परीक्षा केंद्रों के आसपास से गुजरने वाले लोगों पर भी नजरें रखी गईं।
कुछ इस तरह के आए सवाल
सिपाही भर्ती परीक्षा में पूछा गया कि चंद्रमा पर नासा के मानवयुक्त लैंङ्क्षडग मिशन को क्या नाम दिया गया है, जो 2024-25 तक पूरा होने की संभावना है? 14 सितंबर को किस रूप में मनाया जाता है? भारतमाला परियोजना किससे संबंधित है? अर्जुन पुरस्कार किस क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए दिया जाता है? इंडिया ङ्क्षवस फ्रीडम किसकी आत्मकथा है? नियमित रूप से तैयारी करने वालों को ऐसे प्रश्न आसान लगे, जबकि कई अभ्यर्थी इन सवालों में उलझ गए। कुछ को मैथ्स व रीजनिंग ने छकाया तो कई को जीके के सवाल हल करने में पसीना छूटा। परीक्षा में ङ्क्षहदी, मैथ्स, जनरल नॉलेज व रीजनिंग के दो-दो अंकों के 150 प्रश्न पूछे गए थे, जो 300 अंकों के रहे।
इस बार पेपर थोड़ा कठिन आया था। रीजनिंग के सवालों से थोड़ी राहत मिली। हालांकि, पूरा पेपर ठीक गया है। अब रिजल्ट का इंतजार रहेगा।
जय सिंह यादव
जो तैयारी की थी, उसी के आधार पर पेपर आया है। जीके और मैथ्स के सवालों ने जरूर उलझाया। रेगुलर तैयारी करने वालों के लिए बेहतर पेपर रहा।
सूरज तिवारी