अध्यक्षी दे दो बाकी सब ले लो
-अध्यक्ष पद छोड़ने को राजी नहीं मुलायम, अटकी बात
-मुलायम और अखिलेश के बीच डेढ़ घंटा हुई बात-मुलाकात
- नजरें 13 जनवरी पर, आयोग में करना है जवाब दाखिल
LUCKNOW: कई दिनों के इंतजार के बाद मंगलवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच मुलाकात तो हुई लेकिन सुलह नहीं हो सकी। करीब डेढ़ घंटे तक दोनों के बीच चली बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर सहमति नहीं बन सकी। वहीं साथ मिलकर चुनाव लड़ने की सूरत में चुनाव आयोग से पहले अपना एफीडेविट कौन वापस लेगा, इसे लेकर भी एकराय नहीं हो सके। बाद में अखिलेश पांच, कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास चले गये और कार्यकर्ताओं से क्षेत्र में जाकर चुनाव प्रचार में जुटने को कहा। चंद घंटों बाद ही बतौर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उन्होंने विधान परिषद चुनाव के तीन प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया।
इन मुद्दों पर फंसा पेंच
आमतौर पर पार्टी नेताओं से घिरे रहने वाले मुलायम ने आज अखिलेश से बंद कमरे में अकेले बात की। इससे पहले राज्यसभा सांसद संजय सेठ और मंत्री गायत्री प्रजापति मुलायम से मिलने गये थे लेकिन अखिलेश के आने के बाद वे वापस लौट गये। पार्टी सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव इस मामले का हल निकालने के लिए अखिलेश को तमाम अधिकार देने को राजी हैं लेकिन अखिलेश खेमा राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद और रामगोपाल यादव को दरकिनार करने पर तैयार नहीं है। अखिलेश ने एक बार फिर दोहराया कि अब मेरे लिए कदम वापस खींचना मुश्किल है, केवल तीन महीने के लिए मुझे अपने मुताबिक काम करने दें ताकि चुनाव जीता जा सके। वहीं मुलायम राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद बरकरार रहने पर अखिलेश के समर्थन में चुनाव प्रचार और रैलियां करने को राजी हैं। दोनों के बीच चुनाव आयोग से अपने-अपने दावे वापस लेने पर भी बात हुई लेकिन इसकी पहल कौन करेगा, इस पर सहमति नहीं बन सकी।
तीन सूत्री फॉर्मूले पर बात
- मुलायम सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई।
- अखिलेश यादव ने कम से कम तीन महीने तक अध्यक्ष पद अपने पास बने रहने की मांग की।
- मुलायम सिंह ने अखिलेश को सभी शक्तियां देने की बात कही लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मांगा।
- मुलायम भरोसा दिलाया कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो अखिलेश ही मुख्यमंत्री होंगे।
-अखिलेश को टिकट बांटने में पूरा अधिकार देने की बात कही
अब 13 जनवरी पर नजर
आगामी गुरुवार तक यदि सपा में सुलह न हुई तो चुनाव आयोग ही पार्टी का भविष्य तय करेगा। आयोग ने दोनों पक्षों को 13 जनवरी को जवाब दाखिल करने के लिए तलब किया है। माना जा रहा है कि यदि दोनों की पक्ष सुलह का मसौदा लेकर नहीं गये तो साइकिल सिंबल को सीज कर दोनों को अलग-अलग सिंबल आवंटित कर दिए जाएंगे। साथ ही पार्टी के नाम में भी आंशिक बदलाव कर दोनों को पहचान दी जाएगी। दरअसल जल्द ही चुनाव की अधिसूचना जारी होनी है और प्रत्याशियों को नामांकन के लिए चुनाव चिन्ह की दरकार होगी। इसे ध्यान में रखते हुए आयोग भी इस मामले को जल्दी निस्तारित करना चाहता है। वहीं पार्टी को टूटने से बचाने के लिए अंतिम दौर की सुलह की कवायदें तेज होती जा रही है। आज मुलायम और अखिलेश के बीच बातचीत का ब्योरा सार्वजनिक करने से दोनों ही गुट परहेज करते रहे, इससे साफ है कि सुलह की कवायद अभी भी जारी रह सकती है।
टिकट मिलने की परवाह न करें
पांच, कालिदास मार्ग पहुंचने के बाद अखिलेश ने समर्थकों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर चुनाव प्रचार करें। उन्होंने कहा कि मैं भी अपना चुनाव प्रचार कार्यक्रम जारी करने जा रहा हूं और ज्यादा से ज्यादा जगहों पर खुद प्रचार करने आऊंगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिला है, वे बगैर किसी चिंता के चुनाव प्रचार करें। उनकी चिंता करना अब मेरा काम है। वहीं मुलायम और अखिलेश के बीच बैठक के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अखिलेश खेमा पीछे हटने को तैयार नहीं है।
अखिलेश गुट तैयारियों में जुटा
इससे इतर अखिलेश गुट आज भी चुनाव तैयारियों में जुटा रहा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनावी दौरों का कार्यक्रम तैयार करने के साथ घोषणा पत्र पर भी मंथन जारी रहा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक घोषणा पत्र में प्रदेशवासियों को स्मार्ट फोन के साथ मेट्रो की सौगात देने की तैयारी की जा रही है। साथ ही किसानों के लिए कई अहम योजनाएं लाने की तैयारी है। अखिलेश की मंजूरी मिलने के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने विधान परिषद के शिक्षक व स्नातक क्षेत्रों के तीन प्रत्याशी भी घोषित कर दिए। पार्टी गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक क्षेत्र से राम सिंह राणा को भी प्रत्याशी बना सकती है। मालूम हो कि हाल ही में राम सिंह राणा और उनके समर्थकों पर गोमतीनगर के एक होटल में बिल न देने और मारपीट करने का आरोप भी लगा था।
इन्हें बनाया प्रत्याशी
- कानपुर-उन्नाव शिक्षक क्षेत्र, रामवीर सिंह यादव
- इलाहाबाद-झांसी शिक्षक क्षेत्र, अशोक सिंह राठौर
- बरेली-मुरादाबाद स्नातक क्षेत्र, रेनू मिश्रा