लखनऊ (ब्यूरो)। अपने दो साल के मासूम बच्चा को लेकर आई महिला ने सीएम आवास से चंद कदमों की दूरी पर खुद को आग लगा ली। बच्चे को उसने रोड किनारे बैठा दिया था। मां को आग में लिपटा देख और चीख सुनकर बच्चा भी चीख चीख रोने लगा। आस-पास मौजूद लोगों ने किसी तरह आग की लपटों को बुझाने का प्रयास किया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस जीप में उसे इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया।

जनता दरबार में फरियाद लेकर आई थी

मंगलवार को उन्नाव के पुरवा की रहने वाली 30 वर्षीय अंजली जाटव सीएम के जनता दरबार में अपनी गुहार लगाने आई थी। अंजली अपने ससुरालवालों की प्रताड़ना से परेशान थी और स्थानीय पुलिस पर ससुरालजनों का साथ देने का आरोप लगा रही थी। छत्ताखेड़ा की रहने वाली अंजली सीएम के जनता दरबार में एक प्रार्थना पत्र लेकर आई थी। उसने उसमें लिखा था कि डिप्टी सीएम के आदेश के बाद भी पुरवा थाने की पुलिस ससुरालजनों से उसका समान नहीं दिलवा रही है और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है।

डिप्टी सीएम से भी पुलिस ने बोला झूठ

पीड़िता ने लिखा कि 30 जुलाई को उसने पुरवा थाने में दहेज मांगने, मारपीट और उसका मोबाइल और पैसों की लूट का मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर देने के तीन दिन बाद मुकदमा लिखा गया था, लेकिन पुलिस आरोपियों की न ही गिरफ्तारी कर रही थी और न ही उसका लूटा गया समान दिलवा रही थी। प्रार्थना पत्र में लिखा है कि 4 अगस्त को वह डिप्टी सीएम से मिली थी। जब उन्होंने पुरवा पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आदेश किया तो पुलिस ने डिप्टी सीएम से झूठ कहा कि वे ढूंढ रहे हैं, लेकिन कोई मिल नहीं रहा जबकि उसका पति, देवर, सास सभी अपने घर पर ही रहते हैं। महिला ने आरोप लगाया था कि पुरवा पुलिस उसके ससुरालवालों से रिश्वत लेकर शांत हो गई है और उल्टा उसे ही जेल भेजने की धमकी दे रही है।

पति व देवर को शांति भंग में भेजा था जेल

उन्नाव के पुरवा थाना इंचार्ज ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर उसके पति देशराज, देवर बबलू, सास राजकुमारी, देवरानी शालिनी और 15 वर्षीय भांजे के खिलाफ 2 अगस्त को एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद 5 अगस्त को उसके पति देशराज और देवर बबलू को गिरफ्तार कर शांति भंग के मामले में जेल भेजा गया था। अब पीड़िता मांग कर रही थी कि उसकी सास, देवरानी और भांजे को भी जेल भेजा जाए।

बच्चे को किनारे बैठाया फिर लगा ली आग

4 अगस्त को डिप्टी सीएम से मिलने के बाद भी पीड़िता को पुलिस से मदद नहीं मिली तो वह दोबारा सीएम योगी के जनता दरबार में गुहार लगाने लखनऊ आई थी। इसबार भी वह अपने दो वर्षीय बच्चे के साथ थी। जनता दरबार पहुंचने से पहले अंजली जैसे ही विक्रमादित्य मार्ग के पास आई उसने अपने बेटे और बैग को जमीन पर किनारे रख दिया। फिर अपने बैग से ज्वलन सामग्री निकाल कर खुद के ऊपर छिड़कड़ी और आग लगा ली। हालांकि, वहीं पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझा कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत गंभीर होने पर उसे सिविल हॉस्पिटल से केजीएमयू रेफर कर दिया गया। डाक्टरों का कहना है कि महिला 85 प्रतिशत तक झुलस गई है। उसका इलाज चल रहा है। लखनऊ पुलिस ने उन्नाव पुलिस से संपर्क कर उसके परिवार को तत्काल बुलवाया। उन्नाव पुलिस कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गई।