लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में गुरुवार हुई तेज बारिश की वजह से दिलकुशा में दीवार गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई और 2 लोग घायल हो गये। घायलों को तत्काल सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। जहां एक युवक को फ्रैक्चर और दूसरे को घायल होने से मेंटल शॉक लगा है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी देखभाल कर रही है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, दोनों की हालत स्थिर है।
मंडलायुक्त का आया फोन
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ। आरपी सिंह के मुताबिक, सुबह करीब 5:30 बजे के आसपास मंडलायुक्त और सीएमओ का फोन आया कि तुरंत इमरजेंसी मेडिकल हेल्प भेजा जाये। मोबाइल पर लोकेशन भेजी गई। तत्काल ही मौके पर दो एंबुलेंस को भेजा गया। साथ ही तुरंत ही डॉक्टर्स और स्टाफ को एसओएस मैसेज करते हुए तत्काल ड्यूटी पर मौजूद रहने को कहा गया। पता चला कि घटना स्थल पर हादसे में कुछ लोगों की मौत हुई है और कुछ को रेस्क्यू किया जा रहा है। जिसके बाद मैं खुद मौके पर गया और हालत का जायजा लिया। दो घायलों को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है, जिसमें 20 वर्षीय राघवेंद्र और 18 वर्षीय गोलू शामिल है। इसमें गोलू को फ्रैक्चर और राघवेंद्र को मेंटल शॉक हुआ है। दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टर स्थिति पर पूरी नजर बनाये हुए हैं।
वहां का मंजर देख मैं बेहोश हो गया
राजधानी में हुई तेज बारिश गरीबों के लिए मुसीबत लेकर आई। तेज बारिश के चलते कैंट एरिया स्थित दिलकुशा में एक पुरानी बाउंड्री वाल गिरने से दो परिवारों के नौ लोग खत्म हो गये। वहीं, दो घायलों ने इसमें अपने परिजनों को खो दिया है। हादसे का मंजर इस कदर भयावह था कि एक भाई जहां अपनी मृतक बहन का नाम तक भूल गया, तो दूसरे को इल्म ही नहीं कि उसका पूरा परिवार खत्म हो गया है। उस भयानक मंजर को याद करके दोनों सिहर उठते हैं। फिलहाल दोनों का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मैंने 112 को फोन कर मदद मांगी
दिलकुशा में बाउंड्री वॉल गिरी थी। वहां हम कई लोग थे, जिसमें केवल दो लोग ही बचे हैं। दो-तीन से बारिश हो रही थी। हम लोग वहां पर जो बाउंड्री वॉल बना रहे थे, उसी के बगल में रहने के लिए कमरा बनाये थे। पर बारिश की वजह से देर रात वह बाउंड्री वॉल गिर गई। उस समय हम सभी सो रहे थे। किसी तरह मैंने 112 पर फोन लगाया और मदद मांगी। जब लोग मदद को पहुंचे तो मैं बेहोश हो गया, जिसके बाद मुझे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। मुझे पैर में चोट आई है। इसके अलावा सिर में चोट है और करीब 4-5 टांके लगे हैं। बहुत दर्द हो रहा है।
-गोलू, घायल
नहीं याद आ रहा बहन का नाम
जब दीवार गिरी तो कई लोग घायल हो गए। वहां तीन बच्चों समेत कई लोग लेटे हुए थे। वे सभी खत्म हो गये, केवल मैं बचा हूं। हादसे में मेरी बहन और एक रिश्तेदार खत्म हो गया। एक का नाम धर्मेंद्र है, बहन का नाम याद नहीं आ रहा है। उसका नाम भूल गया हूं। बारिश लगातार हो रही थी। पुरानी दीवार होने की वजह से वह गिर गई। हालांकि, मुझे चोट नहीं आई पर वहां का हाल देख मैं बेहोश हो गया। फिर मुझे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, बाकि मुझे ज्यादा कुछ नहीं पता।
-राघवेंद्र, घायल