लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ के चिनहट इलाके में बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने झोपडी में सो रहे पूरे परिवारी को मौत की नींद सुला दिया। घटना देर रात अयोध्या हाइवे से सटे सर्विस लेन के किनारे की है, जहां झोपड़ी में घुसे बेकाबू ट्रक ने 2 मासूम समेत 4 लोगों की जान ले ली। हादसे में जान गंवाने वाली महिला 8 महीने की गर्भवती थी। हादसे के चलते उसका पेट फट गया और उसकी कोख में पहल रहे बच्चे की दुनिया में आने से पहले ही मौत हो गई।
सो रहे पूरे कुनबे को रौंद कर गड्ढ़े में गिरा ट्रक
अयोध्या हाइवे पर बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने सर्विस लेने पर रहने वाला बाराबंकी के जैतपुर निवासी उमेश (35) एक टाइल्स कारीगर था। वर्तमान में काम न होने के चलते वह उसने रोजगार के लिए यहां अपना कुनबा बसाया था। घर का मुखिया उमेश पेशे से नंबर प्लेट और गुड्डे बनाने व बेचने का काम रोड किनारे रह कर करता था। उमेश पत्नी नीलम देवी (32) और तीन बच्चों के साथ इस झोपड़ी में करीब 7 माह पहले बाराबंकी से आया था। उमेश अपने बच्चे सनी (13), वर्षीय वैष्णवी (7) और गोलू (4) के साथ हंसी खुशी रह रहा था। शनिवार रात तकरीबन डेढ़ बजे लखनऊ से बाराबंकी की तरफ जा रहा मौरंग लदा 16 पहिया ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर हाइवे से सीधा सर्विस लेन होता हुआ झोपड़ी पर आकर पलट जाता है। ट्रक झोपड़ी में सो रहे लोगों को कुलचता हुए बड़े गड्ढे में जा गिरा।
सिर्फ 7 साल की वैष्णवी ही बची
ट्रक गिरने व चीख पुकार सुनकर बगल की झोपड़ी में परिवार समेत सो रहे उमेश के बड़े भाई अमर सिंह अपने बेटे धरम सिंह के साथ मौके पर पहुंचा। जिस झोपडी में उनके छोटे भाई का पूरा परिवार सो रहा था वह अब ट्रक के नीचे था। पूरा घर मौरंग के नीचे दब चुका था। इस बात की सूचना देर रात पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक के नीचे दबे घर के 4 सदस्यों के शवों को निकाला, जिसमें उमेश उसकी पत्नी नीलम देवी उनके 2 मासूम बच्चे सनी और गोलू शामिल थे। एक झटके में परिवार के 4 लोग मौत की नींद सो गए और बची सिर्फ 7 साल की बच्ची वैष्णवी। वह गर्मी के चलते अपने ताऊ की झोपड़ी के बाहर आकर लेट गई थी। उस मासूम से जब उसके भाई-बहन के बारे में पूछा गया तो उसने बस यही कहा कि वे स्कूल गए होंगे।
हाइवे छोड़ सर्विस लेने में आया डंपर
हादसे का भयावक मंजर देख आसपास रहने वाले सकते में थे। उमेश की पूरी गृहस्थी 16 चक्का ट्रक में लदे मौरंग के नीचे दब गई। डंपर के नीचे दबे उसके बर्तन, चप्पल और चटाई दिल दहला देने वाले हादसे की कहानी बयां कर रहे थे। उमेश के बड़े भाई अमर सिंह और भतीजे धरम सिंह ने बताया की ट्रक ड्राइवर को देखने में लग रहा था कि वह नशे में था। हाइवे छोड़कर हैवी व्हीकल सर्विस लेन में लेकर आ गया था, जबकि 16 चक्का डंपर के लायक सर्विस लेन नहीं है। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर व क्लीनर को पुलिस हिरासत में लिया।
ट्रक ड्राइवर और क्लीनर भी भर्ती
16 टायरा ट्रक लखनऊ से बाराबंकी की ओर तेज रफ्तार में जा रहा था। उसका नंबर यूपी 43 वाईएक्स बीटी 1829 है। मौरंग लादकर बाराबंकी की तरफ जा रहा था। बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने अचानक डंपर के ड्राइवर ने हाइवे के बजाय उसे सर्विस लेन पर उतार दिया। सर्विस लेन पतली होने और उसमें गड्ढ़े होने के चलते उसका अचानक नियंत्रण बिगड़ गया और वह सर्विस लेन के किनारे तलाब की तरह पलट गया। डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि इस दर्दनाक घटना में 2 मासूम सहित 4 लोगों की जान चली गयी है। ट्रक में मौजूद चालक पंकज झा व क्लीनर भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की असल वजह क्या रही, इसकी जांच हो रही है।
हादसे में गर्भवती महिला का पेट फटा
मौरंग लदे ट्रक के झोपड़ी में पलटने के चलते उमेश की पत्नी नीलम का पेट फटा गया, जिसके चलते उसके गर्भ में पल रहा 8 माह का बच्चा भी बाहर आ गया। हादसे के बाद जब पुलिस शवों को बाहर निकाल रही थी तब यह खौफनाक मंजर देख पुलिसकर्मियों की भी आंखें नम हो गईं।
डंपर के नीचे दब गई पूरी गृहस्थी
हादसे में न केवल पांच बेगुनाहों की जान गई बल्कि एक परिवार की पूरी गृहस्थी भी दबकर खत्म हो गई। कहीं ट्रक के नीचे चप्पल, तो कहीं दबी चटाई इस बात की गवाही दे रही थी कि हादसे के चंद मिनट पहले पूरा परिवार हंसी खुशी वहां रह रहा था।
प्रदर्शन के बाद भी नहीं पहुंचा कोई अफसर
दिल दहला देने वाले इस हादसे के बाद आक्रोशित परिजनों ने शनिवार सुबह अयोध्या हाइवे पर जाम लगाने का प्रयास किया। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर शांत कर दिया। मदद का आश्वासन भी दिया, लेकिन जिला प्रशासन का कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंंचा।