- अब तक लखनऊ के 1016 चेन स्नेचर्स का डाटा तैयार किया गया
- नीचे के सिस्टम की लचर व्यवस्था के चलते नहीं हो रहा डेवलप
LUCKNOW : अपराधियों पर लगाम कसने के लिए त्रिनेत्र एप पुलिस डिपार्टमेंट के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इस एप से अब तक यूपी के पांच लाख बदमाशों की कुंडली तैयार की गई है। यही नहीं राजधानी के 1016 चेन स्नेचर्स का डाटा भी बना लिया गया है। हालांकि निचले स्तर के कर्मियों की ओर से डाटा बैंक तैयार करने में की जा रही लापरवाही से इस एप का डिपार्टमेंट को उतना फायदा नहीं मिल रहा है, जितना उसे मिलना चाहिए था।
एप ने की मदद
हाल ही में पीजीआई में रियल इस्टेट कारोबारी सुनील सिंह को तीन शूटरों ने गोली मारी थी। शूटर्स की तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गई थी। एक शूटर गंजा था जिसकी फोटो त्रिनेत्र एप से मिलान कराई गई तो प्रदेश में जितने भी गंजे अपराधी थी, उन सबकी फोटो और डोजियर पल भर में ही पुलिस को मिल गई थी। जिससे इस केस में पुलिस को काफी मदद मिली थी।
1016 चेन स्नेचर्स का डाटा
त्रिनेत्र एप से राजधानी पुलिस के पास यहां के 1016 चेन स्नेचर्स का डाटा है। इसके बाद भी राजधानी में स्नेचिंग की वारदातें इसलिए नहीं रुक रही हैं क्योंकि कई बार स्नेचर्स को गिरफ्तार करने के बाद निचले स्तर के पुलिसकर्मी बिना इस एप में उनकी फोटो और डोजियर अपलोड किए ही उन्हें जेल भेज देते हैं।
अंडर ट्रायल मैनेजमेंट सिस्टम से लिंक
यह पहला एप है जो कि जेल के अंडर ट्रायल मैनेजमेंट सिस्टम (यूटीएमएस) से लिंक है। जिससे एक बटन दबाते ही पता चल जाता है कि कौन सा अपराधी जेल में है और कौन जेल से बाहर।
इनके पास है एप की सुविधा
वर्तमान में जिला पुलिस के 1464 थाना प्रभारी, 65 जीआरपी प्रभारी, सभी सीओ, सभी एएसपी व एसपीए रेंज एवं जोन, एटीएस एवं एसटीएफ के अधिकारियों को इस एप के उपयोग की सुविधा दी जा चुकी है।
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कैसे बनाते हैं डाटा
चेहरा पहचान, टेक्स्ट सर्च, बायोमेट्रिक रिकॉर्ड विश्लेषण, फोनेटिक सर्च, कृत्रिम मेधा और आपराधिक गिरोहों के विश्लेषण के जरिए इस एप में अपराधियों का डाटा तैयार किया जाता ह ।
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पांच साइट से लेते हैं फोटो
बदमाशों के पकड़े जाने पर त्रिनेत्र एप में उनकी कुंडली तैयार करने के लिए सारी डिटेल के साथ-साथ उनकी पांच साइड से फोटो खींची जाती है और उसे इस एप में अपलोड किया जाता है ताकि किसी भी एंगल से उनकी पहचान आसानी से की जा सके।
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कैटेगरी वाइस डाटा
त्रिनेत्र एप में कई तरीके से अपराधियों का डाटा बेस तैयार किया गया है। लूटेरे, सुपारी पर हत्या करने वाले, चेन स्नेचर्स, ठप्पेबाज समेत कई कैटेगरी बनाई गई हैं। इस एप पर क्राइम प्रोफाइल डालते ही अपराधियों की फोटो सहित उनकी पूरी जानकारी सामने आ जाती है।
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मददगार है एप
त्रिनेत्र एप में अब तक यूपी के लगभग 5 लाख अपराधियों का पूरा डाटा तैयार कर लिया गया है। पहले अपराधियों की पहचान और डिटेल हासिल करने में पुलिस को काफी समय लगता था लेकिन इस एप से उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। आईजी एसके भगत ने बताया कि यह एप अपराधियों को पकड़वाने में काफी मददगार है। इस एप के जरिए अब तक प्रदेश में 5 लाख बदमाशों की कुंडली तैयार कर ली गई है।