मंगलवार को चीनी सैनिकों ने की थी घुसपैठ

रक्षामंत्रालय के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस घटना से दो दिन पहले गत शनिवार पांच मार्च को चुशूल मोल्डो इलाके में चीनी सैनिकों के एक दल ने भारतीय जवानों के साथ मिलकर राहत कार्यों के संचालन का संयुक्त अभ्यास भी किया था। रक्षा सूत्रों की माने तो चार वाहनो में सवार चीन के सैनिक एक कर्नल रैंक के अधिकारी की अगुवाई में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर रहे थे। चीनी सैनिकों ने पैगांग झील के निकट सरजप क्षेत्र के फिंगर आठ पर अनुमान आधारित वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी का एल्लंघन किया है।

पैगांग झील के सहारे भारत में घुसे चीनी सैनिक

पीएलए के जवानों ठाकुंग स्थित भारतीय चौकी से होते हुए हिंदुस्तान की सरहद में साढ़े पांच किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो गए थे। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक जैसे ही चीनी सैनिकों के घुसपैठ की जानाकरी मिली वैसे ही आईटीबीपी गश्ती बल के जवान भी फौरन मुकाबले में आ डटे। कुछ घंटो के आमने सामने की तानातानी के बाद चीनी सैनिक वापस अपनी सीमा में लौट गए। भारतीय सेना के एक अधिकारी के अनुसार पीएलए की टुकड़ी में कर्नल स्तर के अधिकारी के अलावा दो मेजर भी शामिल थे। चीनी सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे लेकिन उनके मुकाबले आईटीबीपी के जवान उन पर भारी पड़े।

पहले भी चीनी सैनिक कर चुके हैं घुसपैठ

लद्दाख के सीमावर्ती इलाके में चीन के सैनिक आए दिन वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर भारत की सीमा में दाखिल हो जाते हैं। मई 2013 में तो दौलत बेग ओल्डी के डेपसांस में भारत चीन के जवानों के बीच करीब तीन सप्ताह तक तानातानी रही। इस दौरान दोनों पक्षों के आमने सामने डटे रहे। इस घटना के बाद भी कई बार भारतीय जवानों ने सीमा के अंदर घुस आए चीनी सैनिकों को खदेड़ा। सितंबर 2015 के बाद यह पहला मौका है जब पीएलए के सैनिकों ने एलएसी पार कर भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। 90 किलोमीटर में फैली पैगांग झील को दो तिहाई हिस्सा चीन के अधिकार मे है। इस क्षेत्र में सिरजेप इलाके में फिंगर चार प्वायंट तक चीन ने पक्की सड़क भी बना ली है।

National News inextlive from India News Desk