- टीपी नगर योजना का मामला, एलडीए ने कब्जा लिया वापस
- फर्जी तरीके से बैनामा कराने वालों पर दर्ज कराई गई एफआईआर
LUCKNOW एलडीए की टीपी नगर योजना में तीन भूखंडों में घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है। एलडीए की ओर से कब्जा वापस ले लिया गया है।
यह है मामला
टीपी नगर में तीनों भूखंड सेक्टर एफ के हैं, इनमें भूखंड संख्या एफ 92, 250 व 340 फर्जी रजिस्ट्री करके बेचे गए। तीनों की बाजार में कीमत तीन करोड़ के आसपास है। तहसीलदार राजेश शुक्ला ने फर्जी तरीके से भूखंडों का बैनामा कराने वाले ललित कुमार सोंधी, संजय कुमार सिंह, गौतम मधमान, देवेंद्र, सतवीर सिंह और दीपक शुक्ला के खिलाफ एफआईआर गोमती नगर थाने में दर्ज कराई है।
वीसी के निर्देश पर जांच
वीसी अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर सचिव पवन कुमार गंगवार के नेतृत्व में नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह से जांच कराई जा रही थी। जांच अधिकारी ने दो मार्च को ही रिपोर्ट तैयार कर ली थी।
फाइलें खोज लीं
ट्रांसपोर्ट नगर में एलडीए के कमर्शियल भूखंड हैं। सभी 79 भूखंडों को लेकर एलडीए ने नोटिस निकाला और 15 दिन के भीतर मूल दस्तावेज लेकर प्राधिकरण आने को कहा। इस दौरान एलडीए ने अधिकांश फाइलें खोज लीं, लेकिन सिर्फ चार लोग प्राधिकरण आए। इनमें से तीन आवंटी फर्जी थे, जिन्होंने कूटरचित तरीके से बाहर ही बैनामा करा लिया।
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कब-कब हुआ रजिस्ट्री का खेल
ट्रांसपोर्ट नगर योजना के भूखंड संख्या एफ 250 के विक्रय विलेख 23 सितंबर 2020 के पृष्ठ पर उप निबंधक व रजिस्ट्री कार्यालय से दो सितंबर 1999 को निष्पादित दर्शाया गया। यह भूखंड ललित कुमार सोंधी ने खरीदा और फिर संजय को बेचा। इसी तरह भूखंड संख्या एफ 340 के विक्रय विलेख 29 जुलाई 2020 को उप निबंधक व रजिस्ट्री कार्यालय से जारी हुआ। यह भूखंड गौतम मधमान ने खरीदा और देवेंद्र को बेचा। तीसरा भूखंड एफ 92 के विक्रय विलेख 18 मई 2020 को रजिस्ट्री कराई गई। इससे पहले पांच मई 2020 को एलडीए द्वारा रजिस्ट्री दिखाई गई। इसे सतबीर सिंह ने खरीदा और दीपक को बेचा।