लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट हादसे के बाद एलडीए की ओर से अवैध व्यावसायिक निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में प्रवर्तन जोन-1 की टीम ने गुरुवार को विभूतिखंड स्थित भव्या टावर समेत तीन अवैध व्यावसायिक निर्माणों को सील कर दिया।

नक्शे के विपरीत तीन तल बना दिए

प्रवर्तन जोन-1 के जोनल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मेसर्स भव्या क्रियेटर्स प्रा.लि। के निदेशक अंबरीश तिवारी द्वारा गोमती नगर के विभूतिखंड में भूखंड संख्या-टीसी-24बी पर लगभग 4775.29 वर्गमीटर क्षेत्रफल में प्राधिकरण से स्वीकृत मानचित्र के विपरीत छठा तल, सातवां तल तथा आठवें तल का अतिरिक्त निर्माण करते हुए फिनिशिंग का कार्य कराया जा रहा था। जिसमें बिना पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किये परिसर का उपयोग भी किया जा रहा था। स्थल निरीक्षण के दौरान विपक्षी द्वारा वांछित विभागों की एनओसी भी नहीं दिखाई गई। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-480/2022 योजित किया गया।

औपचारिकताएं नहीं पूरी कीं

उक्त प्रकरण में विपक्षी द्वारा प्रश्नगत स्थल पर किये गये अतिरिक्ति निर्माण को शमन कराये जाने के लिए शमन मानचित्र पूर्व में प्रस्तुत किया गया। जिसमें क्रय योग्य एफएआर शुल्क सहित मैकेनाइज्ड पार्किंग के लिए परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में धनराशि जमा करने के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया लेकिन विपक्षी द्वारा प्राधिकरण में वांछित शुल्क जमा करने समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं की गईं। इस पर विहित न्यायालय द्वारा परिसर को सील किये जाने के आदेश पारित किये थे। उक्त आदेश के अनुपालन में सहायक अभियंता अवधेश कुमार सिंह के नेतृत्व में उक्त स्थल को सील कर दिया गया।

आरएमसी प्लांट भी हुआ सील

जोनल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मेसर्स जे इंफ्रा मार्केट प्रा। लि। व अन्य द्वारा सुल्तानपुर रोड स्थित कासिमपुर बिरूहा, ग्रीन सिटी में 3000 वर्गमीटर के भूखंड पर लगभग 100 वर्गमीटर क्षेत्रफल में टीनशेड, बॉथरूम व कार्यालय आदि का निर्माण करते हुए स्थल पर आरएमसी प्लांट स्थापित किया जा रहा था। स्थल निरीक्षण के दौरान विपक्षी द्वारा कोई स्वीकृत मानचित्र प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-893/2022 योजित करते हुए परिसर को सील किये जाने के आदेश पारित किये गये थे। इसके अतिरिक्त फरजाना सिद्दीकी व अन्य द्वारा गोमती नगर के विजयखंड में भूखंड संख्या-1521 पर पूर्व में भूतल, प्रथम एवं द्वितीय तल का अवैध निर्माण किया गया था, जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-400/2017 योजित करते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये गये थे। वर्तमान में प्रवर्तन जोन द्वारा की गयी जांच में पाया गया कि उक्त स्थल पर निर्मित फ्लैटों में से एक फ्लैट में परिवार अध्यासित है, जबकि शेष समस्त फ्लैट खाली हैं। जांच रिपोर्ट में संस्तुति की गयी कि इससे पहले कि अन्य फ्लैटों मेें भी परिवार अध्यासित हो जाएं, उससे पूर्व परिसर को सील किया जाना आवश्यक है। इस पर परिसर को सील करने के आदेश पारित किये गये थे। उक्त आदेशों के अनुपालन में दोनों स्थल को सील कर दिया गया।

73 अवैध रो-हाउस भवन सील

प्रवर्तन जोन-4 के जोनल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि आर। शाही द्वारा गंगोत्री आवास योजना, ग्रुप हाउंसिंग, सरजू नहर कालोनी, साधुपुर, रैथा रोड पर लगभग 4500 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 48 रो-हाउस भवनों का निर्माण कराया जा रहा था। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-817/2022 योजित किया गया था। इसके अतिरिक्त सुधीर शाही द्वारा नव्या विहार कालोनी, साधुपुर, रैथा रोड पर लगभग 3500 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 25 रो-हाउस भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा था, जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-826/2022 योजित किया गया था। उक्त दोनों प्रकरणों में विपक्षियों द्वारा निर्माण के संबंध में कोई स्वीकृत मानचित्र एवं साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया तथा स्थल पर चोरी-छुपे निर्माण कार्य जारी रखा गया। इस पर विहित न्यायालय द्वारा प्रश्नगत स्थलों को सील किये जाने के आदेश पारित किये गये थे। उक्त आदेश के अनुपालन में बुधवार को अवैध निर्माण सील किए गए।