लखनऊ (ब्यूरो)। हजरतगंज थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो व्यापारी बनकर माल दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से 64,410 रुपये, 15 नेपाली रुपया और एक वाहन बरामद हुआ है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान आजमगढ़ निवासी नूरुद्दीन खान (40) फतेहपुर निवासी शुभम कुमार (23) और उन्नाव निवासी कौशल कुमार (33) के रूप हुई है। हजरतगंज थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडे ने बताया कि 18 सितंबर को अहसान ने शिकायत दी कि वह लखनऊ में होलसेल में कपड़े खरीदने आया था। इस दौरान उसे एक व्यक्ति मिला और उसे माल खरीदाने के लिए ले गया। रास्ते में वह चाय पीने ले गया। उसने कहा जो पैसा का बैग लाए हो, मुझे दे दो, फिर माल लेने चलते हैं। तभी जेब से रुमाल निकालकर उसने शिकायतकर्ता के मुंह पर झिड़क दिया, जिससे वह अचेत हो गया। इसके बाद वह बैग लेकर फरार हो गया। बैग में एक लाख रुपये कैश और कागजात थे। शिकायत के आधार पर डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक के सुपरविजन में हजरतगंज थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडे की टीम ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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लोडर चालक से 500 रुपये मांगने वाला सिपाही सस्पेंड

सोशल मीडिया पर एक सिपाही का लोडर चालक का पीछा कर रोकने और उससे सवारी भरने के एवज में 500 रुपये मांगने का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें सिपाही साफ तौर डग्गामार वाहनों से उगाही करते दिख रहा है। मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो इसकी जांच शुरू की गई। जिसमें सामने आया कि वायरल वीडियो में दिख रहा सिपाही चंद्रशेखर यादव है, जो बाजारखाला थाना क्षेत्र में चलने वाली यूपी-112 की दो पहिया पीआरवी पर तैनात है। इस हरकत के बाद उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जांच में सामने आया कि 13 सेकेंड के इस वीडियो में ड्यूटी से जाते वक्त रास्ते में लोडर चालक से कहासुनी होने पर मालवाहक में सवारी बैठाने को लेकर 500 रुपये की मांग की गई। वहीं, पूरे प्रकरण की जांच एसीपी यूपी-112 को सौंप दी गई है।