लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ की पहचान कहा जाने वाला और शहर का एतिहासिक टूरिस्ट अट्रैक्शन रूमी दरवाजा आने वाले समय में वाहनों के आवागमन के लिए पूरी तरह से बंद किया जा सकता है। इसे सिर्फ टूरिस्ट्स के देखने के लिए ही खोला जाएगा। इसके लिए एएसआई विभाग द्वारा एडमिन को इस बाबत रिक्वेस्ट की जाएगी, ताकि इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखा जा सके।
रेनोवेशन के लिए हुआ है बंद
लखनऊ का आईकोनिक रूमी दरवाजा पूरी दुनिया में अपनी बनावट और नक्काशी के लिए मशहूर है। इसका निर्माण लखनऊ के चौथे नवाब आसफउद्दौला ने सन 1784 में करवाया था। इसे तुर्की गेट भी कहा जाता है। इसे बनने में करीब दो वर्ष का समय लगा था। हालांकि, समय के साथ इसमें दरारें आने लगीं और यह कई जगहों से टूटने लगा था, जिसके कारण 2022 में इसे रेनोवेशन के लिए बंद कर दिया गया था। रेनोवेशन का काम एएसआई द्वारा किया जा रहा है।
दो तीन माह का लगेगा समय
पुरातत्व विभाग के अधीक्षक डॉ। आफताब हुसैन ने बताया कि रूमी दरवाजा के फ्रंट का पूरा काम हो गया। केवल पिछले साइड का थोड़ा काम बचा है। इसे पूरी तरह खत्म होने में करीब तीन-चार माह का समय लगेगा। दरअसल, लाइम सुर्खी का काम बेहद स्लो प्रोसेस होता है, क्योंकि इसमें तीन-चार लेयर का काम होता है। एक कोट के बाद उसे सूखने में तीन-चार दिन लगते हैं, जिसके कारण इसमें थोड़ा ज्यादा समय लगता है।
एडमिन से करेंगे रिक्वेस्ट
डॉ। आफताब बताते हैं कि रेनोवेशन के बाद इसे सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। चूंकि इसके नीचे से वाहन आदि भी गुजरते हैं, ऐसे में इसमें दोबारा दरार आने का खतरा है। इसी को देखते हुए लोकल एडमिन से रिक्वेस्ट करेंगे की गई है कि रूमी गेट को वाहनों के आवागमन के लिए न खोला जाये। वहीं, दिल्ली के इंडिया गेट की तर्ज पर यहां एक गोलार्ज बनाकर इसे पर्यटकों के लिए खोला जाये, ताकि इसकी खूबसूरती हमेशा के लिए बनी रहे।
हम लोकल एडमिन से रिक्वेस्ट करेंगे कि रूमी गेट भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया जाए, ताकि इसमें दोबारा दरार न पड़े। हालांकि, यह फैसला पूरी तरह से लोकल एडमिन को ही लेना है।
-डॉ। आफताब हुसैन, अधीक्षक, एएसआई