लखनऊ (ब्यूरो)।
केजीएमयू
उपलब्ध ब्लड- 2500 यूनिट
डेली खपत- 300 यूनिट तक
निगेटिव ग्रुप की सर्वाधिक कमी
केजीएमयू की डॉ। तूलिका चंद्रा के अनुसार कोविड आने से पहले ब्लड डोनेशन अच्छा रहता था, जो कोविड के दौरान पूरी तरह बंद हो गया था। हालांकि अब ब्लड डोनेशन फिर धीरे-धीरे बढ़ रहा है, लेकिन यह पहले की तुलना में आज भी 15 फीसद तक कम है। हमारे यहां रोज 250 से 300 यूनिट ब्लड की खपत होती है। थैलसीमिया, गंभीर मरीज, डिलीवरी व कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ने से ब्लड की डिमांड बढ़ी है। निगेटिव ग्रुप की डिमांड सर्वाधिक रहती है। इस ग्रुप के डोनेट करने वालों की संख्या भी कम है। लोगों को ब्लड डोनेट करना चाहिए, ताकि दूसरों की जान बचाई जा सके।
लोहिया संस्थान
उपलब्ध ब्लड- 800 यूनिट
डेली खपत- 150 यूनिट तक
सभी ब्लड ग्रुप की डिमांड है
लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। विजय कुमार शर्मा के अनुसार कोरोना का असर कम होने के बाद अब ब्लड डोनेशन कुछ बढ़ गया है। हालांकि पहले जैसी स्थिति अभी नहीं है, पहले ये यह 20 प्रतिशत से अधिक कम है। पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में हालात पहले जैसे हो जाएंगे। हमारे यहां हर ग्रुप का ब्लड मौजूद रहता है, हालांकि कभी-कभी एबी निगेटिव ग्रुप की कमी हो जाती है। ओवरऑल देखा जाए तो यहां सभी ब्लड ग्रुप की डिमांड सेम ही रहती है।
पीजीआई
उपलब्ध ब्लड- 800 यूनिट से अधिक
डेली खपत- 150 यूनिट के करीब
धीरे-धीरे सुधर रहे हैं हालात
पीजीआई के ब्लड बैंक के डॉ। अनुपम वर्मा ने बताया कि धीरे-धीरे ब्लड डोनेशन कैंप की रफ्तार बढ़ रही है, लेकिन पुरानी स्थिति आने में समय लग सकता है। ऑपरेशन की संख्या में इजाफा होने से ब्लड की डिमांड बढ़ी है। प्राथमिकता के आधार पर मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है। पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जब ब्लड डोनेशन कैंप की संख्या बढ़ेगी तो सभी मरीजों को आसानी से ब्लड उपलब्ध हो जाएगा।
अन्य अस्पतालों की स्थिति
बलरामपुर अस्पताल
उपलब्ध ब्लड- 250 यूनिट से अधिक
डेली खपत- 40 यूनिट के करीब
सिविल अस्पताल
उपलब्ध ब्लड- 170 यूनिट से अधिक
डेली खपत- 20 यूनिट के करीब
किन कारणों से लोग नहीं करते ब्लड डोनेट
- लोगों में जागरूकता की कमी
- इस गलतफहमी का होना कि ब्लड बनने में काफी समय लगेगा
- संक्रमित होने का डर
- कमजोरी आने से बीमार होने का डर
- किसी दूसरे को ब्लड देने से क्या फायदा जैसी सोच